ओड़िशा में बाढ़ की स्थिति भयावह, 10 मरे, लाखों फंसे
भुवनेश्वर: कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण बारिश से पैदा हुई बाढ़ ने चक्रवात प्रभावित गंजाम एवं ओड़िशा के अन्य तटीय जिलों में तबाही मचा दी है. बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या दस हो गई है और पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं. लाखों लोग फंसे हुए हैं. बचाव अभियान में […]
भुवनेश्वर: कम दबाव का क्षेत्र बनने के कारण बारिश से पैदा हुई बाढ़ ने चक्रवात प्रभावित गंजाम एवं ओड़िशा के अन्य तटीय जिलों में तबाही मचा दी है. बाढ़ के कारण मरने वालों की संख्या दस हो गई है और पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं. लाखों लोग फंसे हुए हैं. बचाव अभियान में आज हेलीकॉप्टर लगा दिए गए.
विशेष राहत आयुक्त पी. के. महापात्रा ने कहा कि मरने वाले दस लोगों में से छह जगतसिंहपुर जिले के एक ही परिवार के हैं जिनकी दीवार ढहने के कारण मृत्यु हो गई. गंजाम में भी दीवार ढहने की घटना में दो लोगों की मौत हो गई.आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गंजाम में कम से कम पांच लोग लापता हैं जो बाढ़ में बह गए. उन्होंने कहा कि अभी तक 85 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है. आयुक्त ने कहा कि तीन हेलीकाप्टरों ने गंजाम जिले में बचाव अभियान शुरु किया जहां रुसीकुल्या एवं घोडाहाडा नदियों में उफान आने के कारण चिंताजनक स्थिति बनी हुई है.
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री एस. एन. पात्रो ने कहा कि गंजाम जिले में घर की छतों पर आश्रय लेने वाले लोगों को बाहर निकालने के लिए भी हेलीकाप्टर का प्रयोग किया जा रहा है जहां एक लाख से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं.उन्होंने कहा कि गंजाम, गजपति, रायगढ़ा और नयागढ़ जिले में सभी नदियां उफान पर हैं. गंजाम में बाढ़ की स्थिति को भयावह बताते हुए पात्रो ने कहा कि गजपति जिले के आसका, सोरादा, हिंजिली, सेरगढ़, बेलागुंठा, रांगेलुंडा प्रखंडों में हजारों लोग फंसे हुए हैं.
बाढ़ के कारण खुर्दा, जगतसिंहपुर, पुरी, कटक, नयागढ़, केंद्रपाड़ा, भद्रक, बालेश्वर, मयूरभंज और जाजपुर जिले भी प्रभावित हुए हैं.गंजाम के जिलाधिकारी किशन कुमार ने कहा कि असका के नजदीक एक पेड़ पर शरण लिए हुए नौ लोगों को कल रात एनडीआरएफ और ओडीआरएफ ने निकाला. कई जगह अगम्य बनी हुई हैं और पानी घटने के बाद ही राहत दल वहां पहुंच सकेगा.
राज्य सरकार ने बाढ़ के मद्देनजर तटवर्ती जिलों में स्कूलों और कॉलेजों को बंद करने की घोषणा की है.पिछले पांच दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण भुवनेश्वर और कटक के निचले हिस्से डूब गए हैं जिससे यातायात प्रभावित हुआ है.आईएमडी केंद्र के निदेशक शरत चंद्र साहू ने कहा कि बारिश की तीव्रता में कमी आने की संभावना है लेकिन रुसीकुल्या, बुढ़ाबलांग और बैतरणी नदियों के इलाके में भारी बारिश हुई है.
उन्होंने कहा कि 27 अक्तूबर तक वर्षा जारी रहने की संभावना है लेकिन स्थिति में जल्द सुधार आने लगेगा. रेलवे अधिकारियों ने कहा कि खुर्दा रोड और पलासा के बीच रेल यातायात प्रभावित हुआ है क्योंकि कई इलाकों में रेल पटरियां डूब गई हैं. कई रेलगाड़ियों के मार्ग परिवर्तित हुए हैं.