मुंबई : लातूर जिले की एक गरीब लडकी द्वारा आत्महत्या किए जाने और दूसरी ओर मुख्यमंत्री राहत कोष में से एक डांस ग्रुप को विदेश यात्रा के लिए धन आवंटित किए जाने पर शिवसेना ने कहा है कि यह ‘‘सरकार की बीमार मानसिकता को दर्शाता है.’ शिवसेना ने कहा कि जिन लोगों को लगता है कि सुधींद्र कुलकर्णी पर स्याही फेंके जाने से ‘‘राज्य का बदनामी हुई है, उन्हें अब जवाब देना चाहिए कि क्या इस घटना से राज्य का सम्मान हुआ है?’ लातूर के पास जदाला गांव में रहने वाली 11वीं की छात्रा स्वाति ने हाल ही में कथित तौर पर इसलिए आत्महत्या कर ली थी क्योंकि उसके पास स्कूल जाने के लिए बस-पास बनवाने के लिए 260 रुपये नहीं थे.
अपने सुसाइड नोट में उसने कथित तौर पर लिखा कि वह इतना बडा कदम इसलिए उठा रही है क्योंकि वह अपने माता-पिता को कठिनाइयां सहते हुए और अपनी बेटियों की शादियों के आयोजन की चिंता में घुलते हुए नहीं देख सकती. शिवसेना ने पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, ‘‘लडकी की आत्महत्या से यह स्पष्ट हो गया कि सत्ता में बैठे लोग सिर्फ बोल ही सकते हैं. एक ओर स्वाति गरीबी के चलते आत्महत्या कर लेती है और दूसरी ओर राज्य सरकार एक डांस ग्रुप को बैंकॉक भेजने के लिए आठ लाख रुपए की मंजूरी देती है. यह राज्य सरकार की अस्वस्थ मानसिकता को दिखाता है.’ सत्ताधारी गठबंधन के घटक दल शिवसेना ने कहा कि ऐसी कई छोटी लडकियां आत्महत्या के कगार पर हो सकती हैं. ऐसी घटनाओं को राज्य की छवि पर एक धब्बा करार देते हुए शिवसेना ने सवाल उठाया कि सरकार के पास इस संदर्भ में क्या योजनाएं हैं?
पार्टी ने कहा, ‘‘एक समय था, जब शिक्षा के क्षेत्र में ‘लातूर पैटर्न’ बहुत प्रसिद्ध था। अब इस क्षेत्र में ‘सुसाइड पैटर्न’ विकसित हो गया है. यह महाराष्ट्र की छवि पर एक धब्बा है. जो लोग कहते हैं कि सुधींद्र कुलकर्णी पर स्याही फेंके जाने के कारण राज्य की बदनामी हुई है, उन्हें अब जवाब देना चाहिए कि क्या इस घटना से राज्य का सम्मान हुआ है?’ लातूर के एक कॉलेज के पूर्व प्राचार्यों द्वारा विकसित किया गया अध्ययन का ‘लातूर पैटर्न’ दरअसल विशेष प्रशिक्षण एवं गहन शिक्षण का मेल है. इसे कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि छात्रों को परीक्षा में पूछे जा सकने वाले सवालों के जवाब बिंदुवार ढंग से देने में मदद मिले.
अपने वरिष्ठ सहयोगी दल पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने इस बात पर खुशी जताई कि सरकार में दरकिनार कर दिए जाने का दावा करने वाले शिवसेना के मंत्रियों को एक डांस ग्रुप को आठ लाख रुपए आवंटित किए जाने से पहले संपर्क नहीं किया गया. शिवसेना ने कहा, ‘‘शिवसेना के मंत्री कहते हैं कि उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार नहीं किया जाता और फैसले लेने से पहले उन्हें विश्वास में नहीं लिया जाता। हम खुश हैं कि इस विदेश दौरे के लिए आठ लाख रुपए आवंटित करने से पहले हमें विश्वास में नहीं लिया गया वर्ना हमें भी स्वाति का श्राप लगा होता।’ शिवसेना ने कहा कि सरकार सत्ता में एक साल पूरा होने का उत्सव मना रही है, उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी घटनाआंे की पुनरावृत्ति न हो.
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली द्वारा दायर एक आरटीआई आवेदन के जवाब में यह पाया गया था कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकारी कर्मचारियों के डांस ग्रुप को दिसंबर में बैंकॉक में आयोजित होने वाली प्रतियोगिता में भाग लेने जाने के लिए आठ लाख रुपये की राशि को मंजूरी दी थी.