अब सोशल मीडिया द्वारा चुनाव प्रचार भी अचार संहिता के दायरे में
नई दिल्ली :चुनाव आयोग ने माना है कि सोशल मीडिया चुनाव प्रचार का एक सशक्त मीडियम है. सोशल मीडिया पर चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग ने गाइडलाइंस जारी की हैं. आयोग ने कहा है कि इसके कंटेट आचार संहिता के दायरे में आएंगे. चुनाव आयोग की […]
नई दिल्ली :चुनाव आयोग ने माना है कि सोशल मीडिया चुनाव प्रचार का एक सशक्त मीडियम है. सोशल मीडिया पर चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग ने गाइडलाइंस जारी की हैं. आयोग ने कहा है कि इसके कंटेट आचार संहिता के दायरे में आएंगे.
चुनाव आयोग की ओर से जारी नए दिशानिर्देशों के मुताबिक प्रत्याशी अपने शपथ पत्र में अपने सोशल मीडिया खातों की भी घोषणा करेंगे. इंटरनेट आधारित वेबसाइटों और सोशल मीडिया वेबसाइयों पर राजनीतिक दलों की ओर से किए गए सभी राजनीतिक विज्ञापनों के लिए उचित प्राधिकारी से पूर्वानुमति लेनी होगी. साथ ही सोशल मीडिया सहित इंटरनेट पर पोस्ट किए गए कंटेंट पर भी आदर्श आचार संहिता लागू होगी.
आयोग ने कहा कि आदर्श आचार संहिता गत चार अक्टूबर से ही लागू है. उसी दिन छत्तीसगढ़, दिल्ली, मध्य प्रदेश, मिजोरम और राजस्थान में विधानसभा चुनाव तिथियों की घोषणा की गई थी. यह प्रिंट और टीवी के विषय वस्तु पर भी लागू है. राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को छोड़कर अन्य लोगों द्वारा सोशल मीडिया पर डाली जाने वाली सामग्री के बारे में आयोग का कहना है कि वह इस मुद्दे से निपटने के लिए संचार मंत्रालय व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से मशविरा कर रहा है. आयोग का यह आदेश तब आया है जब चुनाव प्रचार के लिए सोशल मीडिया के इस्तेमाल और मीडिया में चुनाव कानून के कुछ उल्लंघनों की ओर उसका ध्यान दिलाया गया.
आयोग के मुताबिक, पारदर्शिता व चुनाव में सबको समान अवसर मुहैया कराने के लिए ऐसा करने की जरूरत है. हाल के वर्षो में वेब और सोशल मीडिया की मौजूदगी बढ़ी है. राजनीतिक एवं सामाजिक समूहों की ओर से मांग की जा रही थी कि चुनाव के दौरान जिस तरह अन्य मीडिया को नियंत्रित किया जाता है उसी तरह सोशल मीडिया को भी नियंत्रित करने की जरूरत है.