सीमा विवाद का जल्दी समाधान चाहता है चीन
नई दिल्ली : भारत के साथ सीमा विवाद के समाधान में अपने रुख में बदलाव का संकेत देते हुए चीन ने यथाशीघ्र समझौते पर पहुंचने के लिए ‘दोगुना’ प्रयास करने का आज आह्वान किया. चीन लंबे समय से मानता रहा है कि सीमा विवाद के समाधान में समय लगेगा क्योंकि ‘इतिहास द्वारा छोड़ा गया यह […]
नई दिल्ली : भारत के साथ सीमा विवाद के समाधान में अपने रुख में बदलाव का संकेत देते हुए चीन ने यथाशीघ्र समझौते पर पहुंचने के लिए ‘दोगुना’ प्रयास करने का आज आह्वान किया.
चीन लंबे समय से मानता रहा है कि सीमा विवाद के समाधान में समय लगेगा क्योंकि ‘इतिहास द्वारा छोड़ा गया यह एक जटिल मुद्दा है.’ नए चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने मार्च में बीजिंग में प्रेस ट्रस्ट को दिए गए साक्षात्कार में कहा था कि सीमा विवाद को हल करना आसान नहीं होगा. साथ ही उन्होंने कहा था, ‘‘अगर हम मैत्रीपूर्ण वार्ता जारी रखते हैं तो हम आखिरकार निष्पक्ष, तर्कसंगत और परस्पर स्वीकार्य समझौते तक पहुंच सकते हैं.’’और उसके लंबित रहने तक सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति कायम रहनी चाहिए.
हालांकि, एक वरिष्ठ चीनी अधिकारी ने यहां भारतीय विदेश कार्यालय में असामान्य ब्रीफिंग में कहा, ‘‘मसौदा समझौते को आगे बढ़ाने के लिए हमें अपना प्रयास दोहरा करने की जरुरत है ताकि हम किसी निष्पक्ष, उपयुक्त एवं परस्पर सहमति वाले समाधान पर पहुंच सकें.’’ यह टिप्पणी हाल में लद्दाख में चीनी घुसपैठ की पृष्ठभूमि में आई है जिसने अनेक टिप्पणीकारों को इसे चीन द्वारा पथ बदलने के रुप में देखने को तत्पर किया था कि वह त्वरित निपटारे के लिए प्रयास कर सकता है.
हालांकि, चीनी विदेश मंत्रालय में सूचना विभाग के महानिदेशक और प्रवक्ता ने आगाह किया कि ‘‘सीमा के महत्वपूर्ण मुद्दे पर गौर करते हुए हमें अपने विकासशील संबंधों की समूची तस्वीर को ध्यान में रखने की आवश्यकता है. साथ ही अच्छे और सहयोगी चीन-भारत संबंधों के हितों और लाभों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है.’’ घुसपैठ को ‘‘इक्का-दुक्का’’ घटना बताते हुए चीनी अधिकारी ने कहा कि यह दोनों देशों के बीच सीमा मुद्दे पर संवाद प्रणाली के ‘‘अच्छी तरह जांचा..परखा एवं प्रभावशील’’ होने को दर्शाता है.
पिछले महीने 15 अप्रैल को चीनी सैनिकों ने लद्दाख में दौलत बेग ओल्डी सेक्टर में तकरीबन 19 किलोमीटर भीतर तक घुसपैठ किया था. इसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी उनके सामने अपने तंबू गाड़ दिए थे. तीन हफ्ते के बाद आखिरकार इस गतिरोध का समाधान हुआ था.
चीन के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि चीनी प्रधानमंत्री ली क्विंग का पहली विदेश यात्रा पर भारत आना इस देश को चीन कितना महत्व देता है इस बात को दर्शाता है. सूत्रों ने कहा कि दौरे में ली भारतीय नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे ताकि उनको ठीक तरीके से जान सकें और द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ा सकें.
उन्होंने कहा कि दौरे का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यावसायिक संबंधों को बढ़ाना एवं दोनों देशों के बीच परस्पर व्यवसाय और निवेश सहयोग का प्लेटफॉर्म मुहैया कराना है.
उन्होंने कहा कि आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए दोनों पक्षों के बीच सीईओ फोरम का गठन किए जाने की उम्मीद है. अधिकारियों ने कहा कि ली के दौरे से चीन को चार बड़ी उम्मीदें हैं– परस्पर तालमेल को बढ़ाना, दोस्ती को बढ़ावा देना, परस्पर विश्वास को गहरा करना और सहयोग को बढ़ावा देना.’’