FTII : हड़ताल समाप्त, लेकिन विरोध में 10 फिल्म निर्देशकों ने लौटाया नेशनल अवार्ड

नयी दिल्ली : फिल्म संस्थान एफटीआईआई के विधार्थियों ने 139 दिन से जारी हड़ताल को खत्म करने की घोषणा की है. गौरतलब है कि एफटीआइआइ के विद्यार्थी गजेंद्र चौहान की नियुक्ति का विरोध कर रहे थे. आज छात्रों ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया. संस्थान के विद्यार्थी राकेश शुक्ला ने मीडिया से बात करते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2015 3:41 PM

नयी दिल्ली : फिल्म संस्थान एफटीआईआई के विधार्थियों ने 139 दिन से जारी हड़ताल को खत्म करने की घोषणा की है. गौरतलब है कि एफटीआइआइ के विद्यार्थी गजेंद्र चौहान की नियुक्ति का विरोध कर रहे थे. आज छात्रों ने हड़ताल खत्म करने का निर्णय लिया. संस्थान के विद्यार्थी राकेश शुक्ला ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि हम अपनी हड़ताल खत्म कर रहे हैं, लेकन विभिन्न स्तर पर विरोध जारी रहेगा.

गजेंद्र चौहान लोकप्रिय टीवी धारावाहिक महाभारत में युधिष्ठीर की भूमिका निभा चुके हैं. छात्रों और सरकार के बीच कई दौर के बातचीत के बाद भी नियुक्ति विवाद का कोई हल नहीं निकल पाया.उधर ,सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने छात्रों के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि हम एफटीआईआई को राष्ट्रीय महत्व का संस्थान बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. संस्थान के अध्यक्ष गंजेन्द्र चौहान ने भी फैसले का स्वागत किया है.

इस बीच जाने -माने फिल्म निर्देशक दिवाकर बनर्जी,डाक्यूमेंट्री मेकर आनंद पटवर्धन ,नीशीथा जैन ,कृति हर्ष कुलकर्णी और हरि नैयर ने नेशनल अवार्ड वापस करने की घोषणा की हैं.जानेमाने फिल्मकारों दिबाकर बनर्जी, आनंद पटवर्धन तथा आठ अन्य लोगों ने आज एफटीआईआई के आंदोलनकारी छात्रों के साथ एकजुटता प्रकट करते हुए तथा देश में बढती असहिष्णुता के विरोध में अपने राष्ट्रीय पुरस्कार लौटा दिये.बनर्जी और अन्य फिल्मकारों ने कहा कि उन्होंने छात्रों के मुद्दों के निवारण तथा बहस के खिलाफ असहिष्णुता के माहौल को दूर करने में सरकार की ओर से दिखाई गई उदासीनता के मद्देनजर ये कदम उठाए हैं.

बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं गुस्से, आक्रोश में यहां नहीं आया हूं. ये भावनाएं मेरे भीतर लंबे समय से हैं. मैं यहां आपका ध्यान खींचने के लिए हूं. ‘खोसला का घोसला’ के लिए मिला अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार लौटाना आसान नहीं है. यह मेरी पहली फिल्म थी और बहुत सारे लोगों के लिए मेरी सबसे पसंदीदा फिल्म थी.’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर बहस, सवाल पूछे जाने को लेकर असहिष्णुता तथा पढाई के माहौल को बेहतर बनाने की चाहत रखने वाले छात्र समूह को लेकर असहिष्णुता होगी, तो फिर यह असहिष्णुता उदासीनता में प्रकट होती है. इसी को लेकर हम विरोध जता रहे हैं.’ जानेमाने डाक्यूमेंटरी निर्माता पटवर्धन ने कहा कि सरकार ने ‘अति दक्षिणपंथी धडों’ को प्रोत्साहित किया है.

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस तरह से एक समय पर बहुत सारी घटनाएं होती नहीं देखी हैं. क्या होने वाला है, यह उसकी शुरुआत है और मुझे लगता है कि पूरे देश में लोग अलग अलग तरीकों से प्रतिक्रिया दे रहे हैं.’ एफटीआईआई के छात्रों ने आज अपनी 139 दिनों पुरानी हडताल खत्म कर दी, हालांकि वे संस्थान के अध्यक्ष पद पर गजेंद्र चौहान की नियुक्ति का विरोध एवं उनको हटाने की मांग जारी रखेंगे

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