राजनाथ ने लेखकों, अन्य के पुरस्कार लौटाने की आलोचना की

पटना : गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लेखकों और कुछ प्रमुख व्यक्तियों को उन्हें मिले पद्म एवं साहित्य अकादमी पुरस्कारों को लौटाने के कारण आज निशाने पर लेते हुए इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया और इस बात पर आश्चर्य जताया कि वे तब क्या कर रहे थे जब कांग्रेस के शासन में सांप्रदायिक दंगे हो रहे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2015 9:01 PM

पटना : गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने लेखकों और कुछ प्रमुख व्यक्तियों को उन्हें मिले पद्म एवं साहित्य अकादमी पुरस्कारों को लौटाने के कारण आज निशाने पर लेते हुए इसे राजनीतिक षड्यंत्र बताया और इस बात पर आश्चर्य जताया कि वे तब क्या कर रहे थे जब कांग्रेस के शासन में सांप्रदायिक दंगे हो रहे थे. उन्होंने सवाल किया कि कोई यह कैसे कह सकता है कि देश में अब असहिष्णुता बढ गयी है जबकि नरेन्द्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में कही भी कोई बड़ी सांप्रदायिक झडप या तनाव नहीं हुआ.

सिंह ने कहा, ‘‘कांग्रेस सरकार लंबे समय तक भारत में शासन में रही है. उस समय विभिन्न राज्यों में सांप्रदा‍यिक दंगे हुए. एक ही राज्य में 4000-5000 लोग मारे गये. उस समय किसी ने अपना इस्तीफा नहीं दिया. अभी जो कुछ हो रहा है, वह हमारी समझ से परे है.” गृह मंत्री ने कहा कि वह इस बात को निश्चित तौर पर कह सकते हैं कि यह (पुरस्कारों का लौटाना) राजनीतिक कारणों से हो रहा है.

उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई विरोध जताना चाहता है तो इसके कई तरीके हो सकते हैं. यदि किसी को सम्मान दिया जाता है जो राष्ट्रीय गौरव का संकेत हो, तो उसे विरोध के तौर पर लौटाना, ऐसी बात है जिसे मैं नहीं समझ पा रहा. जहां तक मैं समझ पा रहा हूं यह राजनीतिक कारणों से हो रहा है.”

सिंह ने कहा कि राज्य में होने वाली घटना के लिए कोई केंद्र सरकार को दोष कैसे दे सकता है जैसे कि उत्तर प्रदेश के दादरी में एक मुस्लिम व्यक्ति को पीट पीटकर मार दिया जाना. गृह मंत्री ने इंडिया टुडे टीवी से कहा, ‘‘क्या लोग इस बात को समझ नहीं पा रहे कि कानून एवं व्यवस्था राज्य का एक विषय है.

यदि हम राज्य की अनुमति के बिना भी जाना चाहे तो हम हस्तक्षेप नहीं कर सकते. कहीं न कही एक गहरा षड्यंत्र है जिसकी संभावना को नकारा नहीं जा सकता.” लेखकों, फिल्मकारां एवं वैज्ञानिकों के ‘‘असहिष्णुता के माहौल” के विरोध में आज इतिहासकार भी शामिल हो गये. उधर वरिष्ठ वैज्ञानिक पी एम भार्गव ने कहा कि वह अपना पद्म भूषण पुरस्कार लौटा रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार भारत को ‘‘हिन्दू धार्मिक तानाशाही” में परिवर्तित करने का प्रयास कर रही है.

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