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मोदी ने की खुद को बदलने की कोशिश

नयी दिल्‍ली : भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पटना की हुंकार रैली में बदले-बदले से नजर आये. भाषण के टोन, संवाद की अदा और भीड़ को बांधे रखने की कौशल में निपुण रहे मोदी ने अपने को बदलने की पूरी कोशिश की. दिल्ली, भोपाल, हैदराबाद, कानपुर और झांसी की रैली से पटना […]

नयी दिल्‍ली : भाजपा के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पटना की हुंकार रैली में बदले-बदले से नजर आये. भाषण के टोन, संवाद की अदा और भीड़ को बांधे रखने की कौशल में निपुण रहे मोदी ने अपने को बदलने की पूरी कोशिश की. दिल्ली, भोपाल, हैदराबाद, कानपुर और झांसी की रैली से पटना की रैली में नरेंद्र मोदी अलग अंदाज में दिखे. उन्होंने गुजरात दंगों के छींटे से अपने को उबारने की भी कोशिश की.

एक ओर उन्होंने बिहार में भाजपा के वोट बैंक में इजाफा करने की पुरजोर कोशिश की, वहीं अल्पसंख्यकों के नाम पर विरोध करनेवालों को साफ शब्दों में यह संदेश दिया कि अन्य राज्यों की तुलना में गुजरात के मुसलमान अधिक खुशहाल हैं. जाते-जाते मोदी ने रैली में आये लोगों को शांति और सतर्कता से घर वापसी की अपील की.

हुंकार रैली में आकर्षण का केंद्र रहे नरेंद्र मोदी ने युवकों की खूब तालियां बटोरीं. उन्होंने हैदराबाद के तर्ज पर युवाओं को इंडिया फस्र्ट का नारा लगवाया. गुजरात के भुज और भरूच जिलों का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि वहां विकास की सबसे अधिक राशि खर्च हो रही है. मोदी ने बिहार के अल्पसंख्यकों को भी पैगाम दिया. गरीबी और धर्म के नाम पर उन्होंने मुसलमानों से सवाल किये कि आप गरीबी से लड़ेंगे या हिंदुओं से.

इसी प्रकार उन्होंने हिंदुओं से पूछा कि आप गरीबी से लड़ेंगे या मुसलमानों से. दोनों ही धर्म के लोगों से यह कहलवाया कि उनकी लड़ाई गरीबी से है. उन्होंने यह भी कहा कि बिहार से गरीबी के कारण कम संख्या में हज के लिए मुसलमान आवेदन करते हैं. जबकि गुजरात में चार कोटे के दस गुना अधिक चालीस हजार आवेदन हजयात्र के लिए आते हैं.

नरेंद्र मोदी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद की प्रशंसा अपनी शैली में की. राजनीतिक गलियारे में लालू की इस प्रशंसा को राजद के बेस वोट बैंक में सेंधमारी के रूप में आका जा रहा है. उन्होंने द्वारिका से यदुवंशियों को जोड़े जाने की चर्चा कर राज्य में ताकतवर यादव वोट बैंक को भाजपा की ओर लुभाने की भी कोशिश की. अब तक इस वोट बैंक पर राजद अपना दावा जताता रहा है. लोकनायक जयप्रकाश नारायण के चरणों में बैठ राजनीति सुचिता की सीख लेने की चर्चा कर उन्होंने भाजपा की बेस वोट को मजबूत करने की कोशिश की.

रैली में पहली बार मोदी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ नरम रूख अपनाया. उन्होंने राहुल को शहजादा कहे जाने की कांग्रेस की आपत्ति को वंशवाद के आरोप से ढकने की कोशिश की. वंशवाद के आरोपों से कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि यदि वह वंशवाद की परंपरा को त्याग देगी तो हम भी शहजादा कहना छोड़ देंगे.

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