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दिल्‍ली में गंदगी का अंबार, केजरीवाल ने कहा नगर निगम दिल्‍ली सरकार के अधीन नहीं

नयी दिल्ली : त्योहारी सीजन में दिल्ली में गंदगी का अंबार लगा है. पिछले आठ दिनों से वेतन की मांग को लकर एमसीडी के कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है. हड़ताल कर रहे कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें समय पर सैलरी दी जाए और उनका पुराना बकाया भी चुकाया जाए. ऐसे में अरविंद केजरीवाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2015 11:27 AM

नयी दिल्ली : त्योहारी सीजन में दिल्ली में गंदगी का अंबार लगा है. पिछले आठ दिनों से वेतन की मांग को लकर एमसीडी के कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है. हड़ताल कर रहे कर्मचारियों की मांग है कि उन्हें समय पर सैलरी दी जाए और उनका पुराना बकाया भी चुकाया जाए. ऐसे में अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर नया हमला किया है. केजरीवाल ने अखबारों में विज्ञापन के माध्‍यम से कहा है कि एमसीडी का 1500 करोड़ का बकाया डीडीए चुकाये. केजरीवाल ने एक विज्ञापन छाप कर यह साफ किया नगर निगम दिल्ली सरकार के अधीन नहीं आते हैं. ये गलतफहमी फैलाई जा रही है कि दिल्ली सरकार निगम को पैसे नहीं दे रही है.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से शुक्रवार को राजधानी के कई अखबारों में पूरे-पूरे पेज के विज्ञापन दिये गये हैं जिसमें कहा गया है कि निगम में सफाई कर्मचारियों की हड़ताल चल रही है. इसकी वजह से जगह-जगह कूड़ा पड़ा हुआ है और लोगों को तकलीफ हो रही है. विज्ञापन में कहा गया है कि दिल्ली सरकार को हर वर्ष निगमों को अपने खर्च के लिये कुछ पैसा देना होता है. कितना पैसा देना है, यह कानून में साफ-साफ लिखा है. लोगों में गलतफहमी फैलाई जा रही है कि दिल्ली सरकार ने निगमों को पूरा पैसा नहीं दिया है.

विज्ञापन में ेहा गया कि यह सरासर गलत है. सरकार पिछले वर्ष अक्टूबर माह तक दिये गये धन की तुलना में काफी अधिक पैसा दे चुकी है. गत वर्ष अक्टूबर तक निगमों को 1859 करोड़ रुपये दिये गये थे. इस साल 2370 करोड़ रुपये दिये जा चुके हैं जो पिछले साल से 511 करोड़ रुपये अधिक हैं. विज्ञापन में कहा गया है कि नगर निगमों को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) से 1500 करोड़ रुपये का संपत्ति कर लेना है. डीडीए और निगम दोनों केन्द्र सरकार के अधीन है. सरकार का निवेदन है कि डीडीए से निगम को तुरंत पैसा दिलाया जाये.

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