संविधान में प्रदत आरक्षण का आरएसएस पूर्ण समर्थक : दत्तात्रेय होसबोले
रांची: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबोले ने आज कहा कि संघ संविधान में प्रदत्त आरक्षण जारी रखने के पक्ष में है लेकिन वह मजहब आधारित किसी भी प्रकार के आरक्षण के पूरी तरह विरुद्ध है.संघ के अखिल भारतीय सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने यहां संवाददाता के सवालों के जवाब में कहा […]
रांची: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ नेता दत्तात्रेय होसबोले ने आज कहा कि संघ संविधान में प्रदत्त आरक्षण जारी रखने के पक्ष में है लेकिन वह मजहब आधारित किसी भी प्रकार के आरक्षण के पूरी तरह विरुद्ध है.संघ के अखिल भारतीय सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने यहां संवाददाता के सवालों के जवाब में कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कोई गलत बात नहीं कही थी. अलबत्ता मीडिया ने उसका गलत आशय निकाला.
संघ की अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की आज यहां तीन दिवसीय बैठक प्रारंभ होने के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख ने सिर्फ इतना कहा था कि देश में आरक्षण का लाभ संविधान की भावना के अनुरुप अधिकृत लोगों को ही मिलना चाहिए. आरक्षण के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.होसबोले ने कहा कि संविधान में किये गये आरक्षण के प्रावधानों का संघ न सिर्फ समर्थन करता है बल्कि उसने 1981 में अपनी प्रतिनिधि सभा में आरक्षण के समर्थन में प्रस्ताव भी पारित किया था.
पांचजन्य में गोहत्या करने वालों को दंडित करने के संबन्ध में छपे लेख के संबन्ध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि संघ के मुखपत्र में छपने वाली सभी बातें संघ की ही हों, ऐसा नहीं है. संपादक अपने विवेकाधिकार से भी लेख प्रकाशित करते हैं.
धर्म परिवर्तन के विषय पर उन्होंने कहा कि भारत में धर्म परिवर्तन रुकना चाहिए और जो लोग स्वेच्छा से अपने धर्म में वापसी करना चाहते हैं उन्हें उसकी छूट मिलनी चाहिए