अकाली दल के नेता रामूवालिया बनें यूपी में मंत्री

चंडीगढ : सत्तारुढ शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को झटका देते हुए इसके वरिष्ठ नेता बलवंत सिंह रामूवालिया ने पार्टी छोड कर उत्तरप्रदेश में आज समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री की शपथ ले ली. 74 वर्षीय रामूवालिया के इस निर्णय से अकाली आश्चर्यचकित हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री रामूवालिया ने कहा कि उन्होंने शिअद से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 31, 2015 3:22 PM

चंडीगढ : सत्तारुढ शिरोमणि अकाली दल (शिअद) को झटका देते हुए इसके वरिष्ठ नेता बलवंत सिंह रामूवालिया ने पार्टी छोड कर उत्तरप्रदेश में आज समाजवादी पार्टी की सरकार में कैबिनेट मंत्री की शपथ ले ली. 74 वर्षीय रामूवालिया के इस निर्णय से अकाली आश्चर्यचकित हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री रामूवालिया ने कहा कि उन्होंने शिअद से इस्तीफा दे दिया है और अपना इस्तीफा पार्टी प्रमुख को भेज दिया है. बहरहाल शिअद के वरिष्ठ नेता महेश इंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि ‘हमें अभी तक रामूवालिया का इस्तीफा नहीं मिला’ है जो पार्टी में वरिष्ठ उपाध्यक्ष थे. रामूवालिया ने कहा कि वह सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव का काफी सम्मान करते हैं और कल मुलायम ने जब उन्होंने फोन कर इसकी पेशकश की तो वह इंकार नहीं कर सके.

रामूवालिया ने पीटीआई को फोन पर बताया, ‘मैं मुलायम सिंह जी का काफी सम्मान करता हूं. कल सुबह उन्होंने मुझे फोन किया और मुझसे कहा कि सपा मेरी सेवाएं चाहती है. मैं इंकार नहीं कर सका. 1996 में जब केंद्रीय कैबिनेट में मैं मंत्री बना तो सांसद भी नहीं था और उस वक्त भी मुलायम जी के कारण यह संभव हो सका.’रामूवालिया ने कहा कि उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी उनसे पार्टी में आने का आग्रह किया. एक सवाल के जवाब में वरिष्ठ नेता ने कहा कि अकाली दल के खिलाफ उनके मन में कोई असंतोष नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘मैंने ऐसा करने का निर्णय किया. मैंने पार्टी को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. अकाली दल में मेरे सभी साथियों से मैं कहूंगा कि उनका मैं हमेशा सम्मान करता हूं.’ शिअद के महासचिव और सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि पार्टी छोडने के रामूवालिया के निर्णय से अकाली दल पर कोई प्रभाव नहीं पडेगा. चंदूमाजरा ने कहा, ‘हमारी पार्टी में रामूवालिया ने बडी पारी नहीं खेली. हमारी पार्टी समुद्र की तरह है. अकाली दल किसी व्यक्ति विशेष पर निर्भर नहीं है.’रामूवालिया एच डी देवेगौडा के नेतृत्व वाली संयुक्त मोर्चा की सरकार में श्रम मंत्री थे. अखिलेश यादव के मंत्रालय में फेरबदल के बाद उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रामनाईक ने लखनऊ स्थित राजभवन में आज उन्हें 19 अन्य मंत्रियों के साथ शपथ दिलायी.

रामूवालिया ने अपने राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत 1963 में छात्र नेता के रूप में की थी और दो बार वह फरीदकोट और संगरुर से सांसद रहे. एक दशक पहले उन्होंने अपनी पार्टी भी बनायी और इसका नाम लोक भलाई पार्टी रखा था लेकिन चार वर्ष पहले वह अकाली दल में शामिल हो गये और उन्होंने पार्टी का विलय भी अकाली दल में कर दिया. पंजाब के मोहाली से 2015 में शिअद उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा चुनाव लडकर वह हार गये. रामूवालिया ने उन महिलाओं के मामलों को भी सक्रियता से उठाया था जो अपने प्रवासी भारतीय पतियों द्वारा ठगी गयीं और छोड दी गयीं थीं.

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