14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

आंतरिक सुरक्षा भारत के लिए बडी चुनौती बनने जा रही है : डोभाल

हैदराबाद: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आज कहा कि आंतरिक सुरक्षा का प्रबंधन देश के लिए एक प्रमुख चुनौती बनने जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने पुलिस बल से कहा कि अदृश्य दुश्मन के साथ ‘‘चौथी पीढी” की जंग में मुकाबला करने के लिए उन्हें प्रशिक्षित और सुसज्जित होना चाहिए. डोभाल ने कहा […]

हैदराबाद: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने आज कहा कि आंतरिक सुरक्षा का प्रबंधन देश के लिए एक प्रमुख चुनौती बनने जा रहा है. इसके साथ ही उन्होंने पुलिस बल से कहा कि अदृश्य दुश्मन के साथ ‘‘चौथी पीढी” की जंग में मुकाबला करने के लिए उन्हें प्रशिक्षित और सुसज्जित होना चाहिए. डोभाल ने कहा कि अपनी आतंरिक सुरक्षा का प्रबंधन किए बिना भारत एक शक्तिशाली और महान देश नहीं बन सकता। वह यहां सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में 2014 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के 67 अधिकारियों की पासिंग आउट परेड के बाद बोल रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘‘ जब आप संभवत: 35..37 साल बाद अवकाशग्रहण करेंगे, उस समय पूरी तरह से नया भारत होगा। यह ऐसा भारत होगा जो वैश्विक ताकत होगा और यह बडा और महान भारत होगा, जिसके सामने बडी आर्थिक चुनौतियां होंगी, बडे आर्थिक अवसर होंगे और जिसकी काफी अधिक आबादी, अधिक अवसर और अधिक समस्याएं होंगी।” उन्होंने कहा कि भारत को आंतरिक सुरक्षा संबंधी अधिक चुनौतियों का सामना करना होगा। ‘‘आप एक महान शक्तिशाली देश नहीं बन सकते अगर आप अपनी आंतरिक सुरक्षा का प्रबंधन नहीं कर सकते। सिर्फ पुलिसकर्मी ही इस लडाई को लड सकते हैं और जीत सकते हैं. अपने आप को बौद्धिक रुप से, भावनात्मक रुप से और आध्यात्मिक रुप से शक्तिशाली बनाने के लिए खुद को प्रशिक्षित करिए, जहां तक आप कर सकते हैं.” डोभाल ने कहा कि युद्धों का रंगरुप बदल गया है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, ‘‘ अब आप चौथी पीढी के युद्ध में हैं और यह काफी, काफी कठिन युद्ध है. इस युद्ध में दुश्मन अदृश्य है….। यह ऐसा युद्ध है जिसमें सिविल सोसाइटी दोनो है, युद्ध का मैदान और मैदान तथा लोग जिनकी आपको रक्षा करनी है.” उन्होंने कहा कि बल, संसाधन और प्रौद्योगिकी के बावजूद अमेरिका जैसी सुपरपावर को वियतनाम में हार का सामना करना पडा वहीं सोवियत संघ अफगानिस्तान में अपने रणनीतिक और राजनीतिक मकसद को हासिल करने में नाकाम रहा. उन्होंने कहा, ‘‘ क्योंकि यह युद्ध सेनाओं द्वारा नहीं जीता जा सकता। यह पुलिसकर्मियों का युद्ध है और अगर आप जीतते हैं तो देश जीतता है और आप हारते हैं तो देश हारता है. यह भूूमि के लिए, इलाके के लिए युद्ध नहीं है.” डोभाल ने आईपीएस अधिकारियों को सलाह दी कि वे अपने को लगातार आत्म..प्रशिक्षण की स्थिति में रखें.
‘‘अगर आप करने का फैसला करते हैं तो आज और कल से आप खिलाडी और कोच दोनों हैं, आप टे्रनी और ट्रेनर दोनों हैं.” दीक्षांत परेड में 141 आईपीएस ट्रेनी अधिकारी और मालदीव, नेपाल, भूटान के 15 विदेशी ट्रेनी अधिकारी शामिल हुए। इनमें 28 महिला ट्रेनी अधिकारी भी थीं.
गुजरात निवासी पार्थराजसिंह एन गोहिल ने सर्वश्रेष्ठ आलराउंड आईपीएस प्रोबेशनर होने पर प्रधानमंत्री का बैटन और गृह मंत्रालय की रिवाल्वर जीती. डोभाल ने कहा कि आपको प्रौद्योगिकी की विशेषज्ञता हासिल करनी होगी। अगर आप चौथी पीढी की जंग लडना और जीतना चाहते हैं तो आपको मजबूत होना होगा। इस क्रम में उन्होंने संगठित अपराध, आतंकवाद, उग्रवाद या आंतरिक मामले में विदेशी ताकतों द्वारा हस्तक्षेप का प्रयास आदि का जिक्र किया.उन्होंने कहा कि अपराधों का पता लगाना, संगठित अपराध, सीमाओं का प्रबंधन, साइबर सुरक्षा, बैंकिंग धोखाधडी आदि ऐसी चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए काफी ज्ञान और कौशल की आवश्यकता है.
उन्होंने कहा, ‘‘ अब यह एक पुलिसकर्मी का युद्ध है, क्योंकि सिविल सोसाइटी सबसे ज्यादा प्रभावित है. अगर आप जीतते हैं तो देश जीतता है. कई देश आंतरिक सुरक्षा की समस्याओं के साथ धराशायी हो रहे हैं. सिर्फ पुलिस ही लडाई लड सकती है और जीत सकती है.” डोभाल ने कहा कि युद्ध के बाद 37 देश नाकाम रहे या वे खुद ही कमजोर हो गए। उनमें से सिर्फ नौ देशों में ही बाहरी हमला कारण था जबकि 28 खुद ही कमजोर हुए या नाकाम रहे क्योंकि वे अपनी आंतरिक सुरक्षा का प्रबंधन नहीं कर सके. आंतरिक सुरक्षा को सर्वाधिक महत्वपूर्ण करार देते हुए डोभाल ने इस क्रम में पाकिस्तान और पूर्ववर्ती सोवियत संघ का जिक्र किया

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें