डौड़िया खेड़ा में अब तक नजर नहीं आया सोना
नयी दिल्ली : एक संत के सपने के आधार पर सोने की तलाश में 12 दिन की खुदाई के बाद भी पुरातत्वीय उत्खनन में सोने का नामो-निशान नहीं मिला है. संत के सपने के आधार पर माना जा रहा था कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 19वीं सदी के एक किले के अवशेषों के […]
नयी दिल्ली : एक संत के सपने के आधार पर सोने की तलाश में 12 दिन की खुदाई के बाद भी पुरातत्वीय उत्खनन में सोने का नामो-निशान नहीं मिला है. संत के सपने के आधार पर माना जा रहा था कि उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में 19वीं सदी के एक किले के अवशेषों के तले 1,000 टन सोना दबा पड़ा है. यही मानकर पिछले 12 दिनों से खुदाई जारी है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआई)के महानिदेशक प्रवीण श्रीवास्तव ने आज कहा कि खुदाई का दायरा बढ़ाने की योजना बनायी जा रही है. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी 12 सदस्यीय टीम ने खुदाई का काम बंद नहीं किया है.श्रीवास्तव ने कहा कि डौड़िया खेड़ा गांव में पूर्व राजा राव राम बख्श सिंह के किले में 4.8 मीटर तक की खुदाई का काम हो चुका है. अब तक की खुदाई में पहली सदी ईसा पूर्व के समय के माने जा रहे मिट्टी के बर्तन और प्राचीन कलाकृतियां मिली हैं.
महानिदेशक ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘पुरातत्वीय उत्खनन दो समानांतर ईंट की दीवारों की जगह तक सिमटा हुआ है. सतह से 4.80 मीटर गहराई तक खुदाई की गयी है. खुदाई वहां तक पहुंच चुकी है जहां से कंकड़ का निर्माण शुरु होता है. कंकड़ का निर्माण 4.60 मीटर से शुरु होता है.’’उन्होंने कहा कि अब गड्ढे का रेखाचित्र बनाने और तस्वीरों के लिए विषय तैयार करने का काम चल रहा है.