‘आबादी के धार्मिक असंतुलन पर चर्चा होनी चाहिए” : भाजपा
नयी दिल्ली : देश में आबादी के अनुपात में आए कथित ‘धार्मिक असंतुलन’ को ठीक करने के लिए नई राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनाने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मांग पर भाजपा ने आज कहा कि यह एक बहस का मुद्दा है और इस पर चर्चा होनी चाहिए. रांची में संघ की हाल की एक बैठक […]
नयी दिल्ली : देश में आबादी के अनुपात में आए कथित ‘धार्मिक असंतुलन’ को ठीक करने के लिए नई राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनाने की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मांग पर भाजपा ने आज कहा कि यह एक बहस का मुद्दा है और इस पर चर्चा होनी चाहिए.
रांची में संघ की हाल की एक बैठक में इस संबंध में पारित प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने यहां कहा, ‘‘यह एक बहस का मुद्दा है. देश में इस पर चर्चा होनी चाहिए.
सभी (धर्मों) के लिए समान पद्धति होनी चाहिए, यही उनका सुझाव है.” उन्होंने हालांकि कहा, ‘‘सरकार के सामने अभी यह कोई मुद्दा नहीं है.” अयोध्या में राम मंदिर निर्माण संबंधी संघ के विचार पर भाजपा की राय पूछे जाने पर नायडू ने कहा, ‘‘संघ ने कई बातें कहीं है. आरएसएस आरएसएस है और भाजपा भाजपा है.
मैं अभी भाजपा की तरफ से बोल रहा हूं।” उन्होंने कहा, अगर आप लोग मेरे स्वयंसेवक होने के रुप में मुझसे अलग से मिलें तब हम चर्चा कर सकते हैं…तब मैं बता सकता हूं कि आरएसएस कैसे निस्वार्थ सेवा में लगा है और कैसे सबसे देशभक्त संगठनों में से एक है. संघ ने शनिवार को रांची में पारित प्रस्ताव में मांग की थी कि आबादी के स्वरुप में धर्म के आधार पर आए असंतुलन को देखते हुए सरकार को जनसंख्या नीति की समीक्षा करनी चाहिए. उसका मानना है कि अधिक बच्चे होने, धमा’तरण और पडोसी देशों से घुसपैठ के कारण मुसलमानों और ईसाइयों की आबादी अधिक तेजी से बढ रही है.