भाजपा ने कहा, तीसरे मोर्च की कोई प्रासंगिकता नहीं है
नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले तीसरा मोर्चा बनाने के प्रयास में आज यहां 17 राजनीतिक दलों के एक मंच पर आने के बारे में भाजपा ने कहा कि हर बार आम चुनाव से पहले इस तरह की कवायद एक ‘‘रस्म’’ बन गई है जिसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है. भाजपा के राज्यसभा में उप नेता […]
नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव से पहले तीसरा मोर्चा बनाने के प्रयास में आज यहां 17 राजनीतिक दलों के एक मंच पर आने के बारे में भाजपा ने कहा कि हर बार आम चुनाव से पहले इस तरह की कवायद एक ‘‘रस्म’’ बन गई है जिसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है.
भाजपा के राज्यसभा में उप नेता रविशंकर प्रसाद ने जदयू के नीतीश कुमार सहित गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेस 17 दलों के नेताओं के ‘साम्प्रदायिकता के विरुद्ध सम्मेलन’ में एकजुट होने पर प्रतिक्रिया करते हुए कहा, ‘‘तीसरा मोर्चा एक भ्रम है. हर लोकसभा चुनाव से पहले ऐसी कवायद करना अब एक रस्म बन चुकी है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वर्तमान राजनीति में इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं है और भविष्य में कोई आशा नहीं है.’’
नीतीश को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि इस मंच से बिहार के मुख्यमंत्री कांग्रेस के भ्रष्टाचार और कुशासन के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोले. ‘‘नीतीश ने कांग्रेस से गठजोड़ नहीं करने की बात नहीं की और कहा कि देखेंगे, यानी वह इस गठजोड़ की संभावना देख रहे हैं. कांग्रेस में अगर कोई ऐसी खराबी उन्हें नहीं दिखती जिसकी वह आलोचना करें तो हमारे प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी की यह बात सही साबित हो गई है कि उन्होंने (नीतीश) ने जयप्रकाश नारायण और राम मनोहर लोहिया के गैर-कांग्रेसवाद को छोड़ दिया है.’’
तीसरा मोर्चा बनाने के प्रयासों के बीच वाम पार्टियों सहित जदयू, सपा, जद(एस) अन्नाद्रमुक, बीजद और संप्रग के घटक दल राकांपा के नेता आज यहां एक सम्मेलन में मिले और फासीवादी तथा साम्प्रदायिक शक्तियों से उपजे ‘‘खतरे’’ को परास्त करने के लिए एकजुटता की जरुरत बताई.