जेएनयू ‘‘राष्ट्र विरोधी”” ताकतों का अड्डा : आरएसएस

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखपत्र ‘‘पांचजन्य” में आरोप लगाया गया है कि जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) एक विशाल, राष्ट्रविरोधी समूह का अड्डा है जिसका उददेश्य भारत को विघटन करना है. मुखपत्र के कवर लेख में दावा किया गया है कि जेएनयू के नक्सल समर्थक छात्र संघों ने वर्ष 2010 में छत्तीसगढ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 3, 2015 10:16 AM

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मुखपत्र ‘‘पांचजन्य” में आरोप लगाया गया है कि जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) एक विशाल, राष्ट्रविरोधी समूह का अड्डा है जिसका उददेश्य भारत को विघटन करना है. मुखपत्र के कवर लेख में दावा किया गया है कि जेएनयू के नक्सल समर्थक छात्र संघों ने वर्ष 2010 में छत्तीसगढ के दंतेवाडा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 75 जवानों की मौत का खुलेआम जश्न मनाया था. ‘‘यह सब जेएनयू प्रशासन की नाक के नीचे हुआ था.” इसमें आरोप लगाया गया है कि जेएनयू नियमित रुप से राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का आयोजन करता है.

एक अन्य लेख में आरोप लगाया गया है कि जेएनयू एक ऐसा संस्थान है जहां राष्ट्रवाद को एक अपराध समझा जाता है. भारतीय संस्कृति को तोडमरोड कर पेश करना आम बात है. वहां कश्मीर से सेना हटाए जाने का समर्थन किया जाता है. लेख में कहा गया है कि जब सोवियत संघ का विघटन हुआ तो जेएनयू जैसे संस्थानों में एक नया राजनीतिक विचार उभरा जिसने अपना राजनीतिक नारा ‘‘क्लास स्ट्रगल” से ‘‘कास्ट स्ट्रगल” में बदलना शुरू कर दिया.

Next Article

Exit mobile version