बिहार और झारखंड के स्कूलों में होती है सबसे अधिक पढ़ाई
नयी दिल्ली : देश के 60 प्रतिशत राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर स्कूलों में साल में 201 से 220 दिन पढ़ाई का प्रावधान है. लेकिन बिहार और झारखंड में प्राथमिक स्कूलों में 253 कार्यकारी दिवस निर्धारित हैं जबकि नगालैंड एवं मणिपुर में सबसे कम 180 दिन. ‘‘दस वर्षीय स्कूली […]
नयी दिल्ली : देश के 60 प्रतिशत राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर स्कूलों में साल में 201 से 220 दिन पढ़ाई का प्रावधान है. लेकिन बिहार और झारखंड में प्राथमिक स्कूलों में 253 कार्यकारी दिवस निर्धारित हैं जबकि नगालैंड एवं मणिपुर में सबसे कम 180 दिन. ‘‘दस वर्षीय स्कूली पाठ्यक्रम पर राष्ट्रीय अध्ययन रिपोर्ट’’ के अनुसार, सामाजिक, सांस्कृतिक एवं भौगोलिक परिस्थितियों के कारण ही बिहार और झारखंड में साल में प्राथमिक स्कूलों के कार्यकारी दिवस देश में सबसे अधिक है.
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ प्राथमिक स्कूली स्तर पर केवल 14 राज्यों में त्रिभाषाफॉर्मूलालागू किया गया है और अधिकांश राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में इस फामरूले पर सही अर्थो में अमल नहीं किया गया है.’’ मानव संसाधन मंत्रलय की ओर से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि असम में प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर स्कूलों में पढ़ाई की अवधि ढाई घंटे निर्धारित है जबकि देश के अधिकांश राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में यह साढे पांच से साढे छह घंटे है.अरुणाचल प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र, नगालैंड और पश्चिम बंगाल में एक कक्षा की अवधि 35 मिनट है जबकि आंध्रप्रदेश, बिहार, केरल, दिल्ली, मणिपुर, पुडुचेरी, त्रिपुरा, झारखंड, जम्मू कश्मीर, पंजाब और तमिलनाडु में 45 मिनट है. प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर पांच राज्यों में विज्ञान को ‘सामान्य विज्ञान’ के रुप में संबोधित किया जाता है जबकि 23 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में इसे ‘पर्यावरण अध्ययन’ के रुप में जाना जाता है.
रिपोर्ट के अनुसार, विज्ञान पढ़ाने के लिए राजस्थान में सबसे अधिक नौ कक्षाएं प्रति सप्ताह निर्धारित हैं जबकि आंध्रप्रदेश, पुडुचेरी और उत्तरप्रदेश में केवल चार कक्षाएं हैं. वहीं, देश के 16 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर विज्ञान की छह कक्षाएं प्रति सप्ताह निर्धारित है. आंध्रप्रदेश, पुडुचेरी, उत्तरप्रदेश और केरल में प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर सामाजिक विज्ञान विषय पढाने के लिए प्रति सप्ताह चार कक्षाएं निर्धारित हैं जबकि राजस्थान और झारखंड में यह नौ कक्षाएं प्रति सप्ताह हैं. देश के आधे से अधिक राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में यह छह कक्षा प्रति सप्ताह है. स्कूली पाठ्यक्रम पर अध्ययन में कहा गया है कि पांचवीं कक्षा में मातृ भाषा पढ़ाने के लिए नगालैंड में सबसे कम तीन कक्षा प्रति सप्ताह निर्धारित हैं जबकि महाराष्ट्र में सबसे अधिक 13 कक्षा प्रति सप्ताह है.
रिपोर्ट के अनुसार, देश के 26 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में पहली कक्षा में अंग्रेजी की पढ़ाई शुरु की गई है. पांचवीं कक्षा में गणित पढ़ाने के लिए आंध्रप्रदेश में सबसे अधिक 12 कक्षा प्रति सप्ताह निर्धारित हैं जबकि केरल, मेघालय, मिजोरम और नगालैंड में यह सबसे कम 5 कक्षा प्रति सप्ताह है. देश के 15 राज्यों में केंद्र शासित प्रदेशों में प्राथमिक शिक्षा के स्तर पर परीक्षा के संबंध में मूल्यांकन के लिए अंक दिये जाते हैं.