पचौरी के खिलाफ शिकायत करने वाली का इस्तीफा
नयी दिल्ली : जानेमाने पर्यावरणविद् आर. के. पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीडन की शिकायत करने वाली महिला ने टेरी से इस्तीफा दे दिया और आरोप लगाया है कि संस्थान उसके साथ ‘‘बुरे से बुरा बर्ताव’ कर रहा था, वहीं टेरी ने आरोपों को पूरी तरह गलत और बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया. शिकायतकर्ता ने ‘द […]
नयी दिल्ली : जानेमाने पर्यावरणविद् आर. के. पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीडन की शिकायत करने वाली महिला ने टेरी से इस्तीफा दे दिया और आरोप लगाया है कि संस्थान उसके साथ ‘‘बुरे से बुरा बर्ताव’ कर रहा था, वहीं टेरी ने आरोपों को पूरी तरह गलत और बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया.
शिकायतकर्ता ने ‘द एनर्जी एंड रिसॉर्सेस इंस्टीट्यूट’ (टेरी) के मानव संसाधन निदेशक दिनेश वर्मा को भेजे अपने त्यागपत्र में आरोप लगाया कि संस्थान ने उसके साथ जो व्यवहार किया उससे उसे ‘मानसिक, पेशेवर और आर्थिक’ रुप से नुकसान पहुंचा.
फरियादी महिला ने आरोप लगाया कि जांच समिति द्वारा पचौरी को कदाचार का दोषी पाए जाने के बावजूद संस्थान यह सुनिश्चित करने के लिए न्यूनतम कार्रवाई करने में भी नाकाम रहा कि इस सबका उस पर असर नहीं पडे. हालांकि टेरी ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह पूरी तरह निष्पक्ष और तटस्थ रहा है और फारियादी को विशेषाधिकार देते हुए उनकी सभी मांगों को स्वीकार किया गया.
संस्थान ने एक बयान में कहा, ‘‘टेरी इस मामले में पूरी तरह निष्पक्ष और तटस्थ रहा है. संगठन ने आज तक फारियादी को विशेषाधिकार प्रदान किये हैं और उनकी सभी मांगों को माना है.’ टेरी के अनुसार, ‘‘संस्थान ने किसी का पक्ष नहीं लिया जो दस्तावेजी रिकॉर्ड में जाहिर है. हम विनम्रता पूर्वक कहना चाहेंगे कि फरियादी के आरोप पूरी तरह झूठे और बेबुनियाद हैं.’ गत 13 फरवरी को पचौरी के खिलाफ यौन उत्पीडन के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धाराओं – 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 354 (डी) (छेडछाड)और 506 (आपराधिक तौर पर डराना धमकाना) सहित संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी.
शिकायतकर्ता ने अपने त्यागपत्र में लिखा, ‘‘आपके संगठन ने मेरे साथ हरसंभव बुरे से बुरा व्यवहार किया. टेरी एक कर्मचारी के तौर पर मेरे हितों की रक्षा करने में नाकाम रहा. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘संस्थान ने आपकी अपनी जांच समिति द्वारा आर. के. पचौरी को कार्यक्षेत्र में यौन उत्पीडन का दोषी पाये जाने के बावजूद उन्हें संरक्षण प्रदान किया और पूरी छूट दी.
गवर्निंग काउंसिल ने भी मुझे अप्रत्याशित रुप से निराश किया.’ उन्होंने कहा कि परिषद जांच लंबित रहने के दौरान एक व्यक्ति को निलंबित तक नहीं कर सकी और न ही उसने दोषी पाये जाने के बावजूद कोई कार्रवाई की। वहीं मेरे लिए प्रतिकूल माहौल बनाया जो बढता ही गया और इसमें कमी आने की कोई संभावना नहीं दिखी. फरियादी ने पत्र में लिखा, ‘‘यह साफ हो गया है कि गवर्निंग काउंसिल डीजी के लिए और उनके निर्देशों के तहत काम करती है. डीजी में भी कोई बदलाव नहीं आया जैसा कि 23 जुलाई 2015 को बताया गया था। मैं टेरी से तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा दे रही हूं.’ टेरी गवर्निंग काउंसिल ने 23 जुलाई को पचौरी की जगह अजय माथुर को इसके महानिदेशक पद पर नियुक्त किया था.