एनआरएचएम घोटाला: यूपी के पूर्व प्रधान सचिव को मिली जमानत
इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एनआरएचएम में कथित अनियमितता के सिलसिले में जेल में बंद उत्तर प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रधान सचिव प्रदीप शुक्ला को स्वास्थ्य के आधार पर ‘‘छह महीने की लघुकालीन जमानत’‘ प्रदान की. अदालत ने सीबीआई को मेडिकल आधार पर शुक्ला को रिहा करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति दिनेश […]
इलाहाबाद: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एनआरएचएम में कथित अनियमितता के सिलसिले में जेल में बंद उत्तर प्रदेश के पूर्व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण प्रधान सचिव प्रदीप शुक्ला को स्वास्थ्य के आधार पर ‘‘छह महीने की लघुकालीन जमानत’‘ प्रदान की.
अदालत ने सीबीआई को मेडिकल आधार पर शुक्ला को रिहा करने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति दिनेश गुप्ता ने शुक्ला की जमानत याचिका की इजाजत देते हुए यह साफ किया कि जमानत के काल में सीबीआई अदालत की पूर्व अनुमति के बगैर याचिकाकर्ता देश से बाहर नहीं जाएगा ‘‘द्रूत सुनवाई में सहयोग करेगा’‘ और ‘‘गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास नहीं करेगा’‘.
अदालत ने शुक्ला से यह भी कहा कि वह हर दो महीने पर अदालत में अपने चिकित्सक या सजर्न की रिपोर्ट पेश करेंगे जहां उनके मामले की सुनवाई हो रही है. इससे पहले, एजेंसी ने शुक्ला की जमानत याचिका का इस आधार पर विरोध किया था कि शुक्ला ने इस साल 31 मई को इसी तरह की एक याचिका दायर की थी जिसे खारिज कर दिया गया था.
बहरहाल, अदालत ने इंगित किया कि एजेंसी ने शुक्ला ‘‘की बिगड़ी मेडिकल स्थिति को चुनौती नहीं दी थी’‘ जिन्हें इस साल जून में दिल का दौरा पड़ा था. उसके बाद उन्हें तकरीबन एक महीने के लिए दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था.