नयी दिल्ली:चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को उनके आइएसआइ वाले भाषण पर दिए गए नोटिस का जवाब देने के लिए चार दिन का और वक्त दिया है. आयोग ने इस संबंध में कहा कि राहुल आठ नवंबर तक जवाब दे सकते हैं.
गौरतलब है कि चुनाव आयोग द्वारा जारी किये गये आचार संहिता उल्लंघन के नोटिस का जवाब देने के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पहले से तय यात्रा प्रतिबद्धताओं और त्यौहारों के चलते अवकाशों का हवाला देते हुए आज एक हफ्ते का और समय मांगा था.
आयोग ने उनसे आज साढे ग्यारह बजे तक इस नोटिस का जवाब देने को कहा था. राहुल ने मुख्य चुनाव आयुक्त वी एस संपत को भेजे पत्र में कहा कि वह जवाब देने के लिए कुछ और समय चाहते हैं, क्योंकि त्योहारों के कारण छुट्टियां हैं. राहुल ने कहा कि उन्हें आयोग का नोटिस 31 अक्तूबर को रात साढे नौ बजे मिला था और उनके पास इस मुद्दे पर वकीलों से सलाह करने का समय बहुत कम था. कांग्रेस उपाध्यक्ष ने निर्धारित समय के अंदर नोटिस का जवाब न न दे पाने के लिए अपनी पहले से तय यात्रा प्रतिबद्धताओं का भी हवाला दिया.
आयोग के सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग राहुल गांधी के पत्र पर विचार कर रहा है.चुनाव आयोग ने राहुल को उनकी उस टिप्पणी के संबंध में नोटिस जारी किया था ,जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मुजफ्फरनगर के दंगा पीडि़तों के संपर्क में है और भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह घृणा की राजनीति में शामिल है.
आयोग ने राहुल द्वारा 23 अक्तूबर को राजस्थान के चुरु में तथा 24 अक्तूबर को मध्य प्रदेश के इंदौर में दिये गये भाषणों की जांच करने और निर्वाचन अधिकारी की रिपोर्ट का संज्ञान लेने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष से सोमवार तक इस बारे में अपना जवाब देने को कहा था कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के प्रथम दृष्टया उल्लंघन को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं शुरु की जाए.
चुनाव आयोग ने कहा कि तय अवधि के भीतर अगर जवाब नहीं मिला तो यह माना जाएगा कि राहुल के पास जवाब में कहने के लिए कुछ नहीं है और ऐसे में आयोग आगे बिना किसी उल्लेख के उचित कार्रवाई आरंभ करेगा.
भाजपा ने चुनाव आयोग के समक्ष शिकायत की थी कि कांग्रेस उपाध्यक्ष सांप्रदायिक आधार पर वोट की अपील करके और विभिन्न समुदायों के बीच घृणा पैदा कर आचार संहिता का कथित रूप से उल्लंघन कर रहे हैं.
भाजपा ने मुख्य चुनाव आयुक्त वी एस संपत को इस संदर्भ में ज्ञापन सौंपा था. जिसमें मांग की गयी थी कि कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर दी गयी मान्यता को वापस लिया जाये और राहुल के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई की जाये.
इंदौर में अपने भाषण के दौरान राहुल ने दावा किया था कि पाकिस्तान में खुफिया एजेंसियां मुजफ्फरनगर के कुछ दंगा पीडि़तों से संपर्क कर रही हैं.
राजस्थान के चुरु और अलवर में भाजपा पर निशाना साधते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया था कि उसकी क्रोध और घृणा की राजनीति सांप्रदायिक तनाव भड़का रही है और देश के धर्मनिरपेक्ष ताने बाने को नुकसान पहुंचा रही है.
चुनाव आयोग ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को उनके उस बयान को लेकर नोटिस जारी किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ितों के संपर्क में है.
आयोग ने राहुल को भेजे नोटिस में कहा, ‘’ भारतीय निर्वाचन आयोग आपसे चार नवंबर, 2013 को दिन में 11:30 बजे तक इसका स्पष्टीकरण देने को कहता है कि चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जाए.