मुंबई : अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की भारत वापसी से पहले महाराष्ट्र सरकार ने आज उससे संबंधित सभी मामले सीबीआई को सौंप दिए. अतिरिक्त मुख्य सचिव केपी बख्शी ने आनन फानन में बुलाए गए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 55 वर्षीय राजन से संबंधित मामले सीबीआई को ‘‘कई देशों से जुडे अपराधों से निपटने में” इसकी विशेषज्ञता के चलते सौंपे जा रहे हैं. इंडोनेशिया ने छोटा राजन को भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया है.
सूत्रों का कहना है कि 27 साल पहले देश से भागे राजन का केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ कोई समझौता हुआ है जिसके तहत उसके खिलाफ सभी मामलों को महाराष्ट्र पुलिस से बाहर देखा जाएगा तथा वह राज्य से बाहर बंद रहेगा. हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक शब्द नहीं कहा गया है.
मुंबई पुलिस ने राजन के खिलाफ करीब 70 मामले दर्ज कर रखे हैं. इनमें हत्या के 20, चार मामले आतंकवादी एवं विध्वंसकारी गतिविधियां (रोकथाम) कानून के तहत, एक मामला आतंकवाद रोकथाम कानून के तहत और 20 से अधिक मामले मकोका के तहत दर्ज हैं. दिल्ली पुलिस ने राजन के खिलाफ छह मामले दर्ज किए हैं जो कभी भगोडे अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम का करीबी सहयोगी हुआ करता था, लेकिन मुंबई बम धमाकों की साजिश से पहले वह उससे अलग हो गया था.
राजन के कल सुबह 27 साल बाद भारत पहुंचने की संभावना है. उसे भारत वापस भेजे जाने में विलंब हुआ क्योंकि एक पहाडी से ज्वालामुखीय राख निकलने से बाली स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को बंद करना पडा. हवाईअड्डा खुलने की घोषणा के बाद सीबीआई, दिल्ली और मुंबई पुलिस के अधिकारियों की टीम ने राजन की भारत वापसी की प्रक्रिया शुरु कर दी. राजन 1988 में भारत से दुबई भाग गया था.
उसे ऑस्ट्रेलिया पुलिस द्वारा बाली पुलिस को दी गई जानकारी के बाद 25 अक्तूबर को गिरफ्तार किया गया था. राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निकालजे है. वह हत्या, वसूली, तस्करी और मादक पदार्थ तस्करी सहित 75 से अधिक मामलों में वांछित है.
मुंबई के पुलिस आयुक्त अहमद जावेद ने आज कहा कि छोटा राजन को शहर लाए जाने के बाद पत्रकार ज्योतिर्मय डे की हत्या से संबंधित मामले को प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने यहां कहा, ‘‘डे की हत्या का मुकदमा अदालत में चल रहा है. पुलिस खुद मामले की दोबारा जांच नहीं कर सकती. यदि अदालत दोबारा जांच का आदेश देती है तो मुंबई पुलिस जांच एजेंसी के रुप में अपने दायित्व के रुप में यह करेगी.”