चेन्नई :मद्रास उच्च न्यायालय ने आज तमिलनाडु सेवा भर्ती बोर्ड को निर्देश दिया कि वह एक ट्रांसजेंडर को पुलिस उप निरीक्षक के तौर पर तैनात करे क्योंकि वह यह नौकरी पाने का हक रखती है.
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति पुष्पा सत्यनारायण की पहली पीठ ने बोर्ड को यह भी आदेश दिया कि अगली भर्ती प्रकिया से वह ‘तीसरे लिंग’ की श्रेणी में ट्रांसजेंडर को उसमें शामिल करे.ट्रांसजेंडर के.पृथिका याशिनी के आवेदन पत्र को प्रारंभिक तौर पर नामंजूर कर दिया गया था जिस पर वह उच्च न्यायालय चली गयी.
उसने उच्च न्यायालय में उच्चतम न्यायालय की उस व्यवस्था का हवाला दिया जिसमें केंद्र और राज्य सरकारों को ट्रांसजेंडरों को सामाजिक और शैक्षिक रुप से पिछडा मानते हुए उनके उत्थान के लिए कदम उठाने के निर्देश दिए गए थे एवं सरकारी भर्तियों और शैक्षिक संस्थानों में प्रवेश के लिए सभी प्रकार के आरक्षण के लाभ देने के भी निर्देश दिए थे