श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 7 सिंतबर को रैली होनी है जिसके मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतेजाम किए गये हैं. इस रैली में बाधा डालने के संकेतों के बीच अलगाववादी नेताओं को नजरबंद कर लिया गया है. सुरक्षा के इंतजाम के चलते श्रीनगर और आस पास के इलाकों को किले में तबदील कर दिया गया है.
इधर अलगाववादी गुटों के जामा मस्जिद की ओर प्रस्तावित ‘एकजुटता मार्च’ के पहले शहर के कुछ भागों में आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि प्रशासन ने श्रीनगर के छह थाना क्षेत्रों में आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने बताया कि शहर के रैनावारी, नोहट्टा, खनयार, एम आर गंज और सफाकदल थाना इलाके और लाल चौक के निकट मैसूमा में आवाजाही पर रोक लगा दी गई है. उन्होंने बताया कि कानून और व्यवस्था की समस्या के मद्देनजर ऐहतियाती तौर पर यह कदम उठाया गया है.
उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारुक ने छह नवंबर 1947 को जम्मू क्षेत्र में मारे गए मुसलमानों को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘‘एकजुटता मार्च’ का आह्वान किया था. आज के इस मार्च तथा कल सोनावर के शेर-ए-कश्मीर क्रिकेट स्टेडियम में प्रधानमंत्री की रैली के समानांतर प्रस्तावित रैली को देखते हुए कई अलगाववादी नेताओं को या तो हिरासत में ले लिया गया है या नजरबंद कर दिया गया है. कश्मीर विश्वविद्यालय और स्कूली शिक्षा बोर्ड ने आज होने वाली सभी परीक्षाएं टाल दी है.
हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि कक्षा आठ की परीक्षा तय कार्यक्रम के तहत होगी. आज की परीक्षा में जो छात्र नहीं बैठ पाएंगे उन्हें बाद में अपने पर्चे लिखने की अनुमति दी जाएगी.