महंगाई की मार धनी लोगों पर अधिक: पीएचडी

नयी दिल्ली: उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्टरी ने एक रपट में कहा है कि मौजूदा त्योहारी सीजन में महंगाई की मार आम लोगों के बजाय धनी लोगों पर अधिक देखने को मिल रही है क्योंकि उनके इस्तेमाल वाले उत्पादों के दाम अधिक बढे हैं. पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्टरी के कार्यकारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2013 6:50 PM

नयी दिल्ली: उद्योग संगठन पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्टरी ने एक रपट में कहा है कि मौजूदा त्योहारी सीजन में महंगाई की मार आम लोगों के बजाय धनी लोगों पर अधिक देखने को मिल रही है क्योंकि उनके इस्तेमाल वाले उत्पादों के दाम अधिक बढे हैं.

पीएचडी चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्टरी के कार्यकारी निदेशक सौरभ सान्याल ने कहा, थोक मूल्य सूचकांक के आधा पर कीमतों में वृद्धि का असर धनी वर्ग पर अधिक लगभग 9.3 प्रतिशत आंका गया जबकि गरीब वर्ग के लिए यह लगभग 8.4 प्रतिशत रहा.

संगठन की रपट में निष्कर्ष निकाला गया है कि मौजूदा त्यौहारी सीजन में खपत के चुनिंदा मूल उत्पादों में धनी वर्ग पर 9.3 प्रतिशत की दर से अधिक असर रहा जबकि गरीब वर्ग के लिए यह 8.4 प्रतिशत की दर से अपेक्षाकृत कम रहा. इसके अनुसार अधिक आय वाले परिवारों द्वारा खपत किए जाने वाले सामान की औसत मुद्रास्फीति 9.3 प्रतिशत रही है. इन वस्तुओं में फल, दाल, काजू गिरि, सिगरेट, मोटर वाहन, परफ्यूम तथा एलपीजी शामिल है.

वहीं आम लोगों के काम आने वाले सात प्रमुख उत्पादों चावल, आलू, चारा, बीड़ी, साइकिल, केरोसीन आदि की मुद्रास्फीति 8.4 प्रतिशत रही.

सान्याल ने कहा कि आपूर्ति संबंधी बाधाओं को हटाकर ही देश में मुद्रास्फीति यानी महंगाई पर काबू पाया जा सकता है.

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