भाजपा की हार की मुख्य वजहों में ‘असहिष्णुता” एक कारण

नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार नीत महागठबंधन के भाजपा नीत राजग पर बडी विजय की ओर अग्रसर होने के बीच विभिन्न दलों के नेता और राजनीतिक विश्लेषक इसे ‘धन के उपर सिद्धांतों’ की जीत और ‘असहिष्णुता की पराजय’ के रुप में पेश कर रहे हैं. हार से स्तब्ध भाजपा नेताओं ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 8, 2015 1:25 PM

नयी दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार नीत महागठबंधन के भाजपा नीत राजग पर बडी विजय की ओर अग्रसर होने के बीच विभिन्न दलों के नेता और राजनीतिक विश्लेषक इसे ‘धन के उपर सिद्धांतों’ की जीत और ‘असहिष्णुता की पराजय’ के रुप में पेश कर रहे हैं.

हार से स्तब्ध भाजपा नेताओं ने कहा कि वह सुधारात्मक कदम उठायेगी जबकि उसके लम्बे समय से सहयोगी रही शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि यह परिणाम ‘एक नेता के पराभव’ का संकेत है. महागठबंधन के राजग से आगे बढने के रुझानों के बीच जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने इसे ‘धनबल पर सिद्धांतों की विजय’ बताया.

उन्होंने कहा, ‘यह बहुत कठिन लडाई थी. एक ओर धन की थैलियां थी और दूसरी ओर सिद्धांत. यह धनबल पर सिद्धांतों की विजय है.’ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जदयू..राजद..कांग्रेस गठबंधन की विजय में नीतीश कुमार की लोकप्रियता एक प्रमुख कारक है. हालांकि कुछ का कहना है कि मतदाता केंद्र और राज्यों में अलग अलग विषयों को लेकर मतदान करते हैं.

दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद भी ऐसे ही मत प्रकट किये गए थे. प्रशांत किशोर राष्ट्रीय राजनीति पर एक प्रमुख रणनीतिकार के रुप में उभर कर सामने आए हैं. उन्होंने ही महागठबंधन के सफल जीत का फार्मूला तैयार किया था. इससे पहले वह लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी की प्रचार टीम का मुख्य हिस्सा थे.

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