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बिहार विधानसभा चुनाव में जीत से कांग्रेस को मिली संजीवनी
नयी दिल्ली/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन की जीत ने भारतीय जनता पार्टी के विजय रथ को रोक दिया. भाजपा के लिए भले ही यह कड़वी घुट रही लेकिन कांग्रेस को बिहार चुनाव में जीत के रूप में संजीवनी मिल गयी. नीतीश कुमार और लालू यादव के कंधे पर सवारहोकर पार्टी ने 40 […]
नयी दिल्ली/ पटना : बिहार विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन की जीत ने भारतीय जनता पार्टी के विजय रथ को रोक दिया. भाजपा के लिए भले ही यह कड़वी घुट रही लेकिन कांग्रेस को बिहार चुनाव में जीत के रूप में संजीवनी मिल गयी. नीतीश कुमार और लालू यादव के कंधे पर सवारहोकर पार्टी ने 40 में से 25 सीट पर जीत हासिल कर ली. कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इस जीत से उत्साहित है. लोक सभा चुनाव में कांग्रेस को 545 में से मात्र 44 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं को मानों इस जीत के माध्यम से संजीवनी बूटी मिल गयी हो.
उत्साहित नजर आये राहुल गांधी
बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम जैसे आने शुरू हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने महागंठबंधन की बढ़त को देखते हुए ट्वीट करना शुरू कर दिया. राहुल गांधी ने ट्वीट किया यह जीत एकता और बंटवारे ,मानवता और अहंकार , प्रेम और नफरत के बीच हुई है. यह जीत बिहार के लोगों की है. राहुल गांधी ने लालू यादव और नीतीश कुमार को जीत की बधाई दी साथ ही उन्होंने कार्यकर्ताओं को भी बधाई दी. नीतीश कुमार ने भी ट्वीट करके राहुल गांधी को उनके समर्थन के लिए बधाई दी.
टूट गया लंबी हार का सिलसिला
लोकसभा चुनाव, दिल्ली विधानसभा चुनाव, महाराष्ट्र, झारखंड , छत्तीसगढ, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक था. पार्टी में हार के लिए जिम्मेदार कौन इस पर मंथन भी खूब हुआ. लोकसभा और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी अपनी हार के बाद एक ऐसे मौके की तलाश में थी जब वह अपने खत्म होती अहमियत को एक बार फिर मजबूती से स्थापित कर सके.
बिहार विधानसभा चुनाव में महागंठबंधन के रूप में जब एक साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी को चुनौती देने की योजना बनायी तो कांग्रेस ने भी अपना हाथ महागंठबंधन की ओर बढ़ाया . पार्टी के हिस्से में 40 सीट आयी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बिहार में कई रैलियों को संबोधित किया. हालांकि प्रधानमंत्री के 30 संभाओं की तुलना में सोनिया ने 5 और राहुल ने 13 संभाएं की. पार्टी के कई राष्ट्रीय स्तर के नेता भी बिहार में लंबे वक्त पर जमे रहे. महागंठबंधन ने एक साथ मिलकर कई चुनावी रैलियों को संबोधित किया जिसका फायदा महागंठबंधन को मिला.
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