देश में मंकीपॉक्स (monkeypox outbreak) के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स का पांचवां मामला सामने आया है. ऐसी खबर आ रही है कि मंकीपॉक्स से संक्रमित ने नाइजीरिया की यात्रा की थी.
अफ्रीकी युवती पायी गयी मंकीपॉक्स से संक्रमित
दिल्ली में मंकीपॉक्स का जो पांचवां मामला सामने आया है, उसकी पहचान अफ्रीकी युवती के रूप में हुई है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 22 साल की अफ्रीकी युवती मंकीपॉक्स से संक्रमित पायी गयी है.
5th Monkeypox case detected in Delhi, 22-yr-old woman admitted in LNJP
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— ANI Digital (@ani_digital) August 13, 2022
मंकीपॉक्स बन सकता है स्थानिक रोग
इस साल मई के बाद से दुनियाभर में मंकीपॉक्स के 26,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं, जिसके चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को इसे सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित करना पड़ा है. मंकीपॉक्स वायरस के बारे में असामान्य बात यह है कि इसके ज्यादातर मामले उन देशों में सामने आये हैं, जहां आमतौर पर यह वायरस नहीं पाया जाता. इसके अलावा मुख्य रूप से मध्य और पश्चिमी अफ्रीका में मिले वाले पिछले वायरसों के विपरीत यह वायरस संक्रमित पशु के संपर्क में आने से नहीं बल्कि एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल रहा है. दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मामलों में वृद्धि हो रही है. ऐसी चिंताएं भी हैं कि यदि तत्काल कार्रवाई नहीं की गई, तो मंकीपॉक्स अमेरिका और यूरोप जैसे उन क्षेत्रों में भी स्थानिक रोग के तौर पर जगह बना सकता है, जहां आमतौर पर यह नहीं पाया जाता है. स्थानिक रोग आम तौर पर किसी क्षेत्र विशेष में अक्सर सामने आने वाली बीमारी होती हैं जिन पर काबू पाना मुश्किल होता है. मंकीपॉक्स काफी चिंताजनक है, यह मानने के कई कारण हैं.
मंकीपॉक्स फैलने का कारण
पहला कारण यह है कि यह बीमारी मनुष्य से मनुष्य में फैल रही है. मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति के करीब जाने से फैलता है. संक्रमित व्यक्ति जब खांसता या छींकता है तो उसके पास मौजूद व्यक्ति के संक्रमित होने की आशंका रहती है. इसके अलावा कपड़े और बिस्तर साझा करने से भी इसके फैलने का खतरा रहता है.
मंकीपॉक्स अन्य वायरसों की तुलना में नहीं है अधिक संक्रामक
मंकीपॉक्स अन्य वायरसों के तुलना में बहुत संक्रामक नहीं है. अफ्रीका में फैले पिछले वायरसों के अध्ययन से पता चलता है कि किसी व्यक्ति के किसी संक्रमित के संपर्क में आने पर बीमार पड़ने की आशंका लगभग तीन प्रतिशत है.