शिवसेना का तंज, पैसे से चुनाव नहीं जीता जा सकता
मुंबई : शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में आज बिहार चुनाव परिणाम को लेकर लेख लिखा है जिसमें भाजपा पर निशाना साधा गया है. संपादकीय में लिखा गया है कि भाजपा को इस परिणाम से सबक लेने की जरुरत है. नीतीश कुमार को शिवसेना ने राजनीति का बादशाह बताया है. सामना के संपादकीय […]
मुंबई : शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के संपादकीय में आज बिहार चुनाव परिणाम को लेकर लेख लिखा है जिसमें भाजपा पर निशाना साधा गया है. संपादकीय में लिखा गया है कि भाजपा को इस परिणाम से सबक लेने की जरुरत है. नीतीश कुमार को शिवसेना ने राजनीति का बादशाह बताया है.
सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि बिहार चुनाव के नतीजों को महाराष्ट्र के लिए संदेश हैं. बिहार का परिणाम का साफ संदेश यह है कि महाराष्ट्र में अगली बार चुनाव होंगे तो शिवसेना ही लीडर बनकर उभरेगी. शिवसेना ही राज्य का भविष्य है. अब इस हार की जिम्मेदारी कौन लेगा.भाजपाको अब आत्मनिरीक्षण की जरूरत है.
सामना ने लिखा है किभाजपाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बिहार चुनाव लड़ा जिसका परिणाम नकारात्मक रहा.भाजपाने बिहार में अपने सारे संसाधन लगा दिए. भाजपा ने चुनाव में धन और बल दोनों का उपयोग किया लेकिन वह जान लें कि धन के बल पर चुनाव नहीं जीता जा सकता है. संपादकीय में लिखा गया है कि नीतीश ने अपने मौजूदा संसाधनों को ही इस्तेमाल किया और जोरदार जीत हासिल की. बिहार जयप्रकाश नारायण की विरासत है. मोदी ने 30 रैलियां की, फिर भी वह हार गयी जिसपर भाजपा को आत्ममंथन करने की जरुरत है.
सामना ने लिखा है कि बिहार में महाराष्ट्र जैसी ही स्थिति थी. केंद्र के सारे बड़े नेता,भाजपाशासित राज्यों के सीएम चुनाव प्रचार के लिए आए जिसके बावजूद शिवसेना ने 63 सीटें हासिल की. लोकसभा चुनाव का हीरो बिहार में मौजूद था फिर भी पिछली बार जैसे नतीजे नहीं ला सका. इस बार बिहार के लोगों ने जीतनराम मांझी, रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा को भी साइडलाइन कर दिया है.