नयी दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र 26 नवंबर से शुरू होगा जो 23 दिसंबर तक चलेगा. बिहार में एनडीए की हार के बाद विपक्ष के हौसले बुलंद हैं. ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस सत्र में विपक्ष विभिन्न मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास करेगा. आपको बता दें कि संसद में कई विधेयक अटके हुए हैं जिसमें जीएसटी काफी महत्वपूर्ण है.
सरकार में मत था कि शीतकालीन सत्र को नवंबर के तीसरे सप्ताह से पहले बुलाया जाए ताकि जीएसटी विधेयक को जल्द पारित किया जाना सुनिश्चित किया जाए. ऐसी स्थिति में इस महत्वपूर्ण सुधार पहल को राज्यों से जल्दी से मंजूरी मिल जाए ताकि इसे एक अप्रैल 2016 तक लागू किया जा सके. कुछ संवैधानिक संशोधनों को कम से कम आधे राज्यों की विधानसभाओं के मंजूरी की जरुरत होती है.
गौरतलब है कि भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं पर आरोपों के कारण विपक्ष के हंगामे के चलते संसद के मानसून सत्र के दौरान कामकाज काफी प्रभावित हुआ था. पिछले सत्र में कांग्रेस ने आईपीएल मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे तथा व्यापम घोटाला मामले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग को लेकर मानसून सत्र नहीं चलने दिया था.