OROP से जुड़े किसी भी मुद्दे को न्यायिक समिति के समक्ष उठाया जा सकता है: पीएम

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक रैंक एक पेंशन संबंधी अधिसूचना पर सैनिकों के प्रदर्शन को शांत करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इसे पुख्ता बनाने के लिए इस संबंध में किसी भी मुद्दे को सरकार द्वारा गठित न्यायिक समिति के समक्ष उठाया जा सकता है. पूर्व सैनिकों का एक वर्ग अधिसूचना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2015 6:48 PM

नयी दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज एक रैंक एक पेंशन संबंधी अधिसूचना पर सैनिकों के प्रदर्शन को शांत करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इसे पुख्ता बनाने के लिए इस संबंध में किसी भी मुद्दे को सरकार द्वारा गठित न्यायिक समिति के समक्ष उठाया जा सकता है.

पूर्व सैनिकों का एक वर्ग अधिसूचना में कई मुद्दों को शामिल नहीं होने के चलते असंतुष्ट है. मोदी ने 1965 के भारत-पाक युद्ध से जुडे सैन्य प्रतिष्ठानों का दौरा करने और दीपावली के अवसर पर सैनिकों से बातचीत करते हुए कहा, ‘‘मैं यह (देखना) चाहूंगा कि क्या समिति को कोई सूचना दी जाती है.’ कई पूर्व सैनिकों ने सरकार द्वारा अधिसूचित ओआरओपी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए अपना पदक लौटा दिया था.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार पहली है जिसने योजना को पुख्ता बनाने के लिए ओआरओपी अधिसूचना के साथ एक समिति गठित की है.मोदी ने यह भी कहा कि वह सार्थक तरीके से ओआरओपी को लागू होने का अपना ‘सपना’ पूरा होते देखना चाहते हैं.लगातार दूसरी बार मोदी ने सैनिकों के साथ दीपावली मनाई है.मोदी ने भारत-पाक सीमा के निकट तीन सैन्य प्रतिष्ठानों का औचक दौरा किया और सैनिकों के साथ संवाद किया। ये हैं खासा में डोगराई युद्ध स्मारक, वल्टोहा के निकट असल उत्तर मेमोरियल और पंजाब के फिरोजपुर जिले में बडकी युद्ध स्मारक

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