एएमयू परिसर में होटल बनाने का प्रस्ताव निरस्त
अलीगढ : अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति जमीरुद्दीन शाह ने स्पष्ट किया है कि मुंबई के एक बिल्डर को होटल बनाने के लिये एएमयू की जमीन का एक हिस्सा दिये जाने का प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया है. एएमयू बिरादरी को कल लिखे एक खुले पत्र में शाह ने विश्वविद्यालय की कुछ जमीन एक […]
अलीगढ : अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कुलपति जमीरुद्दीन शाह ने स्पष्ट किया है कि मुंबई के एक बिल्डर को होटल बनाने के लिये एएमयू की जमीन का एक हिस्सा दिये जाने का प्रस्ताव निरस्त कर दिया गया है. एएमयू बिरादरी को कल लिखे एक खुले पत्र में शाह ने विश्वविद्यालय की कुछ जमीन एक बिल्डर को देने के इरादे तथा कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पैदा हुई गलतफहमियों को दूर करने का आग्रह किया है. कुलपति ने कहा कि एएमयू के छात्र रह चुके एक बिल्डर ने इस मामले को लेकर छात्रों, शिक्षकों तथा कुछ संगठनों के तीखे विरोध के बाद विश्वविद्यालय परिसर में होटल बनाने के निर्णय को अपनी मर्जी से वापस ले लिया है. होटल बनाने के लिये वह जमीन 25 साल के पट्टे पर दी जानी थी.
उन्होंने कहा कि होटल बनाने के लिये विश्वविद्यालय की जमीन दिये जाने का फैसला इसलिए लिया गया था क्योंकि एएमयू में अच्छे अतिथिगृहों की खासी कमी है और वर्ष 2017 में विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खां के द्विशताब्दी वर्ष के आयोजनों में सैकडों मेहमानों के आने की सम्भावना है. गौरतलब है कि विश्वविद्यालय परिसर की कुछ जमीन एक बिल्डर को दिये जाने की बात से नाराज छात्रों ने शनिवार देर रात कुलपति कार्यालय के दरवाजे को विरोधस्वरुप बंद कर दिया था. उस वक्त दफ्तर में विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद की बैठक हो रही थी.
इस मामले को लेकर सद्दाम हुसैन, अब्दुल्लाह इमरान और मोहम्मद आमिर नामक छात्रों को निलम्बित कर दिया गया था. छात्रों को निलम्बित किये जाने के विरोध में परिसर में विभिन्न स्थानों पर छात्रों ने हवा में गोली चलाकर कडा विरोध दर्ज कराया था. उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में स्कूल खोलने की योजना बना रहे सर सैयद फाउंडेशन के आजीवन ट्रस्टी बनने सम्बन्धी सवाल पर शाह ने कहा कि अगर समुदाय के नेता और एएमयू की अधिशासी परिषद अपनी अगली बैठक में उनकी जगह किसी और को मनोनीत कर देती है तो वह ट्रस्टी का पद सहर्ष छोड देंगे.
शाह ने पत्र में यह भी कहा कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय उत्तर प्रदेश में स्कूल खोलने के लिये एएमयू को सालाना 10 करोड रुपये देने को तैयार है, लेकिन अगर गड़बड़ी करने वाले लोग अपनी हरकतें जारी रखेंगे तो यह परियोजना पटरी से उतर भी सकती है. उन्होंने कहा कि अब यह मुस्लिम समुदाय के सदस्यों पर निर्भर करता है कि वे जिलों में स्कूल खोले जाने के इच्छुक हैं या नहीं.