नयी दिल्ली : बिहार में पार्टी की हार के बाद भाजपा नेताओं की बेचैनी बढ गयी है. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सार्वजनिक तौर पर हुए तीखे हमले के बाद कई नेताओं का बयान अबतक आ चुका है. इसी क्रम में आज केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए वरिष्ठ नेताओं की टिप्पणी पर बयान दिया है जिसकी चर्चा जोरों पर है. नायडू ने कहा कि इन नेताओं को सार्वजनिक रूप से मुद्दा नहीं उठाना चाहिए था. इन्हें इन मुद्दों पर पार्टी फोरम में बात करनी चाहिए.
आपको बता दें कि दो दिन पहले भाजपा के चार बड़े नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा और शांता कुमार ने सीधे-सीधे शीर्ष नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए उन्हें बिहार चुनाव में हुए हार का जिम्मेदार बताया था. इन्होंने कहा था कि पार्टी को कमजोर किया जा रहा है.
शीर्ष नेतृत्व पर हमला करते हुए इन्होंने कहा था कि बिहार चुनाव में आम राय की अनदेखी की गई और दिल्ली के नतीजों से सबक लेने का प्रयास नहीं किया गया. यह बिहार चुनाव में हार का प्रमुख कारण है. नायडू ने कहा कि वरिष्ठ नेताओं के बयान को पार्टी ने गंभीरता से लिया है, लेकिन उन्हें पार्टी फोरम में अपनी बात रखनी चाहिए.
इधर, बिहार में भाजपा की हार पर बुजुर्गों की बगावत को सुलझाने के लिए पार्टी भरपूर प्रयास कर रही है. गुरुवार शाम करीब सात बजे जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंदन में ब्रिटिश पीएम डेविड कैमरन से बातचीत के लिए 10 डाउनिंग स्ट्रीट पहुंचे, ठीक उसी समय भारत में अरुण जेटली ने पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी के घर पर दस्तक दी. हालांकि इसके 20 मिनट बाद ही वित्त मंत्री वहां से रवाना भी हो गए.