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राहुल ने कहा,कांग्रेस सरपंचों के अधिकारों के लिए लड़ेगी

जम्मू : जम्मू कश्मीर में पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तीकरण की कड़ी वकालत करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज सरपंचों से वायदा किया कि उनकी पार्टी उनके अधिकारों के लिए लड़ेगी और राज्य सरकार पर इसके लिए दबाव बनाएगी. निर्वाचित पंचायत सदस्यों से राहुल की बैठक में उस समय कुछ ड्रामा भी देखने […]

जम्मू : जम्मू कश्मीर में पंचायती राज संस्थाओं के सशक्तीकरण की कड़ी वकालत करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज सरपंचों से वायदा किया कि उनकी पार्टी उनके अधिकारों के लिए लड़ेगी और राज्य सरकार पर इसके लिए दबाव बनाएगी.

निर्वाचित पंचायत सदस्यों से राहुल की बैठक में उस समय कुछ ड्रामा भी देखने को मिला जब उनके भाषण के बीच में एक सरपंच शिकायत करने लगा कि उन्हें ‘‘राज्य सरकार से कुछ नहीं मिला.’’ एक सरपंच ने चिल्लाकर कहा, ‘‘हमें राज्य सरकार से कुछ नहीं मिला. हमें जो भी मिला, वह केंद्र सरकार से मिला.’’राहुल की आज से शुरु हुई राज्य की दो दिन की यात्रा को कांग्रेस द्वारा पंचायती राज पर संविधान के 73वें और 74वें संशोधनों के कुछ प्रावधानों को शामिल करने के लिए गठबंधन सहयोगी नेशनल कान्फ्रेंस पर दबाव बनाने के रुप में देखा जा रहा है.

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने सरपंचों को आश्वासन दिया, ‘‘वह 73वें संशोधन को कार्यान्वित करेंगे.’’उन्होंने कहा, ‘‘आपको आपका अधिकार मिलेगा. मैं आपके लिए यह लड़ाई लड़ूंगा. मैं आता रहूंगा और दबाव बनाना जारी रखूंगा. आपको यह लड़ाई लड़नी है. हम आपके साथ हैं. हम सभी मिलकर राज्य सरकार पर दबाव बनाएंगे. हम आपके साथ हैं. यह चीज 100 प्रतिशत होकर रहेगी.’’ सरपंचों को यह याद दिलाते हुए कि नए भूमि अधिग्रहण विधेयक के पारित होने में करीब डेढ़ साल का वक्त लगा, राहुल ने कहा कि अंतत: यह भी होकर रहेगा. हालांकि, यह आसानी से नहीं होगा, इसके लिए लोगों को लड़ाई लड़ना होगा.

कांग्रेस द्वारा अधिकार आधारित मनरेगा, आरटीआई और खाद्य सुरक्षा विधेयक जैसी योजनाएं लाए जाने का जिक्र करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि ये कार्यक्रम पंचायती राज और सरपंचों के बिना कार्यान्वित नहीं हो सकते क्योंकि ‘‘इन कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने के क्रम में गांवों में नेतृत्व होना चाहिए.’’

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘यह भविष्य की राजनीति है और यह वह चीज है जो जम्मू कश्मीर में भी होकर रहेगी. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि आने वाले समय में आपको ये अधिकार मिलेंगे. 21वीं सदी में पंचायतों, स्थानीय निकायों को सशक्त होना होगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘21वीं सदी में गांवों में फैसले लिए जाएंगे. यदि हमें जम्मू कश्मीर को बदलना है तो सबसे पहले हमें पंचायतों और स्थानीय निकायों के नेताओं को सशक्त करना होगा.

यदि आप इस राज्य को चलाना चाहते हैं तो आपको सशक्त बनाने का और कोई रास्ता नहीं है क्योंकि विधायक, सांसद वह काम नहीं कर सकते जो आप कर सकते हैं. उन्हें गांवों के बारे में वैसी जानकारी नहीं है जैसी आपके पास है.’’राज्य के पंचायती अधिनियम में संविधान के 73वें और 74वें संशोधनों को शामिल करने का मुद्दा दोनों दलों के बीच विवाद का मुद्दा रहा है.

सरपंचों की इन शिकायतों के बीच कि उनकी कोई नहीं सुनता, कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘यदि मैं आपकी बात नहीं सुनना चाहता तो मुझे यहां आने की आवश्यकता नहीं होती. मैं यहां आया हूं क्योंकि मैं आपको सुनना चाहता हूं.’’ उन्होंने कहा कि जब तक मुद्दे का समाधान नहीं निकलता, तब तक वह दबाव बनाना जारी रखेंगे.

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘हम जम्मू कश्मीर में सरपंचों और पंचों को वही शक्तियां देना चाहते हैं जो हम उन्हें अन्य राज्यों में दे रहे हैं. यदि आप केरल और तमिलनाडु जाएं तो आप वहां राजनीति को दिलचस्प पाएंगे क्योंकि वहां सरपंचों के पास अधिकार हैं. जिला योजनाएं बनाई जाती हैं, स्थानीय भागीदारी होती है, बैठकें होती हैं और लोगों के विचार सामने आते हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘और यह राजनीति का भविष्य है. यह जम्मू कश्मीर में भी होगा. मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि आने वाले समय में आप अधिकार हासिल करेंगे. जब तक आपको(अधिकार)नहीं मिलते, मैं यहां आना जारी रखूंगा. जब तक समाधान नहीं निकलता, तब तक मैं दबाव बनाता रहूंगा.’’ राहुल ने राज्य में शरणार्थियों के मुद्दे को भी छुआ.

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘शरणार्थियों का मुद्दा है. मैं जानता हूं कि वे दुख का सामना कर रहे हैं. मैं उनको भी बताना चाहता हूं कि कांग्रेस पार्टी उनकी लड़ाई लड़ेगी. हम जो कुछ भी आपके लिए कर सकते हैं, वह करेंगे.’’यह उल्लेख करते हुए कि कांग्रेस राज्य के लोगों के साथ है, राहुल ने कहा, ‘‘हम जम्मू कश्मीर के लिए जो भी कर सकते हैं, करने को तैयार हैं. मैं चाहता हूं कि राज्य के लोग सशक्त हों. उन्हें अधिकार मिलें.’’ राहुल ने कहा कि उन्होंने भोजन के अधिकार के बारे में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से बात की है.

कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा, ‘‘उन्हें(उमर)चिंता थी कि बहुत कम अनाज उपलब्ध होगा. मैंने उन्हें बताया कि यही समस्या केरल और तमिलनाडु में थी और दिल्ली सरकार(केंद्र सरकार)ने उनकी मदद की और हम उसी तरह आपकी भी मदद करने जा रहे हैं जैसे हमने उनकी मदद की.’’

उन्होंने कहा, ‘‘भोजन का अधिकार यहां भी लागू होना चाहिए और यदि कोई कमी होगी तो हम उसे पूरा करेंगे. क्योंकि हम चाहते हैं कि जम्मू कश्मीर को भी वे लाभ मिलें जो संप्रग अन्य राज्यों को देता है. चाहे यह भोजन का अधिकार हो, भूमि अधिग्रहण और पंचायती राज हो.’’ कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जम्मू कश्मीर में युवाओं और महिलाओं को रोजगार संबंधी प्रशिक्षण के लिए संप्रग द्वारा किए जा रहे काम के बारे में भी लंबी बातचीत की और उल्लेख किया, ‘‘हम इन चीजों को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं.’’

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