जाटों को आरक्षण देकर जातीय संघर्ष कराना चाहती है कांग्रेस:सपा
लखनऊ : लोकसभा चुनाव से ऐन पहले उत्तर प्रदेश में 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित की श्रेणी में शामिल करने के लिये रथयात्राएं निकाल रही सत्तारुढ़ सपा ने केंद्रीय सेवाओं में जाटों को पिछडे वर्ग में शामिल करके आरक्षण देने की कांग्रेस की योजना को ‘फूट डालो और राज करो’ के समान करार दिया है. […]
लखनऊ : लोकसभा चुनाव से ऐन पहले उत्तर प्रदेश में 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित की श्रेणी में शामिल करने के लिये रथयात्राएं निकाल रही सत्तारुढ़ सपा ने केंद्रीय सेवाओं में जाटों को पिछडे वर्ग में शामिल करके आरक्षण देने की कांग्रेस की योजना को ‘फूट डालो और राज करो’ के समान करार दिया है.
राज्य के भूतत्व एवं खनिकर्म मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि सपा सरकार द्वारा 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के प्रस्ताव की अनदेखी करके जाटों को पिछड़े वर्ग में शामिल करके आरक्षण देने का कांग्रेस का फैसला एक साजिश है. कांग्रेस ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति के जरिये जातीय संघर्ष कराकर वोट की राजनीति करना चाहती है.
उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण को कहीं ना कहीं दंगे की विभीषिका से जूझ रहे मुजफ्फरनगर से जोड़ा जा रहा है. यह जातियों को आपस में लड़ाने की साजिश है. प्रजापति ने दावा किया कि जाट पिछड़ी जातियों में शामिल किये जाने के मानकों को पूरा नहीं करते. जाट आरक्षण को कांग्रेस, भाजपा तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का शिगूफा बताते हुए मंत्री ने कहा कि इस सिलसिले में प्रस्ताव लोकसभा में लाये जाने की साजिश की जा रही है.
गौरतलब है कि चुनाव को ध्यान में रखते हुए संप्रग सरकार जाटों को पिछड़ा वर्ग का दर्जा देने पर विचार कर रही है ताकि उन्हें केंद्रीय नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके. सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिमंडल इस विषय पर जल्द ही कोई निर्णय कर सकता है. जाट आरक्षण के सिलसिले में गठित मंत्रियों का समूह पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल को अपनी सिफारिशें भेज चुका है. उसने जाटों को पिछड़े वर्ग का दर्जा देने के बारे में निर्णय कैबिनेट पर छोड़ दिया है.