नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पेरिस में हुए आतंकी हमलों को मानवता पर हमला करार देते हुए इसकी निंदा की है और कहा है कि पूरे विश्व को एकजुट होना चाहिए और ऐसे आतंकी कृत्यों के खिलाफ लडना चाहिए. केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘पेरिस में मासूमों पर किये गये कायराना हमलों के बारे में जानकर धक्का लगा. पूरे विश्व को एकजुट होना चाहिए और ऐसे आतंकी कृत्यों के खिलाफ लडना चाहिए.’ मुख्यमंत्री ने कहा, ‘पेरिस हमला पूरी मानवता पर बोला गया हमला है. किसी भी तरह का रुढिवाद समाज का सबसे बुरा शत्रु है. आइए, हम सब पेरिस के निवासियों के लिए प्रार्थना करें.’
फ्रांस की राजधानी पेरिस में संगीत समारोह में शिरकत करने जाने वाले युवाओं, फुटबॉल प्रेमियों और रात्रिकालीन मनोरंजन के मशहूर ठिकानों पर जुटने वाले पेरिसवासियों को निशाना बनाते हुए एक के बाद एक कई हमले बोले गये. इन हमलों में कम से कम 120 लोग मारे गये. फ्रांस में हुई यह हिंसा दूसरे विश्वयुद्ध के बाद से अब तक की सबसे भयावह हिंसा है. राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इन हमलों को आतंकवाद करार देते हुए इनकी निंदा की है और साथ ही संकल्प लिया है कि फ्रांस अपने शत्रुओं के खिलाफ दृढता के साथ खडा रहेगा.
पेरिस में हुए आतंकवादी हमले बेहद दर्दनाक : भाजपा
भाजपा ने पेरिस में हुए आतंकवादी हमलों को मानवता पर हमला करार देते हुए आज कहा कि शांति चाहने वाले सभी देशों को आतंकवादी संगठन आईएसआईएस को नष्ट करने के लिए हाथ मिलाना चाहिए. भाजपा के मीडिया प्रभारी श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘ये हमले बेहद दर्दनाक हैं. यह केवल पेरिस पर हमला नहीं है, बल्कि शांति चाहने वाले सभी देशों और मानवता पर हमला है. अब समय आ गया है कि शांति और विकास चाहने वाले सभी देश आईएसआईएस के खिलाफ लडने के लिए एकजुट हों. आईएसआईएस किसी एक देश तक सीमित नहीं है बल्कि यह एक जहरीली विचारधारा है जिसे नष्ट किया जाना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात की वकालत करते रहे हैं कि सभी देशों को आतंकवाद के खिलाफ लडने के लिए एकजुट होने की आवश्यकता है. शर्मा ने कहा कि मोदी ने संयुक्त राष्ट्र, जी-20 और अन्य अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह बात कही है. पेरिस के एक लोकप्रिय कंसर्ट हॉल में शुक्रवार को हमलावरों ने लोगों को बंधक बना लिया. पूरे शहर में कम से कम छह आतंकी हमले हुए. इन हमलों में 120 से अधिक लोग मारे गये. फ्रांस की राजधानी में दूसरे विश्व युद्ध के बाद से यह सर्वाधिक भयावह हिंसा है.