सोनिया-राहुल ने मोदी को बताया तानाशाह, बोले बिहार फार्मूला दूसरी जगह भी अपनायेंगे

नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए उन पर तानाशाह होने तथा सांप्रदायिक एजेंडा को ढंकने के लिए विकास के पर्दे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. देश में असहिष्णुता पर बहस के बीच दादरी की घटना और हरियाणा में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2015 7:12 PM
नयी दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए उन पर तानाशाह होने तथा सांप्रदायिक एजेंडा को ढंकने के लिए विकास के पर्दे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. देश में असहिष्णुता पर बहस के बीच दादरी की घटना और हरियाणा में दलित बच्चों को जलाने की घटनाओं को लेकर सरकार को आडे हाथ लेते हुए सोनिया, राहुल तथा अन्य शीर्ष नेताओं ने उसकी आलोचना की.
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भरे चले समारोहों के समापन के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं ने ये विचार व्यक्त किये. कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘किसी की अलग राय है या वह असहमत है, इससे उसे विश्वासघाती नहीं कहा जा सकता. न तो यह हमारे लोकतंत्र का तरीका है और न ही देशभक्ति का स्वरुप है. यह तानाशाही का स्वरुप है.’
उन्होंने कहा, ‘‘आज, हम कुछ ऐसे व्यक्तियों और तत्वों के प्रयासों के गवाह बन रहे हैं जो विकास के मुखौटे के पीछे अपने सांप्रदायिक एजेंडा को दुनिया के सामने छिपाकर रखते हैं. विकास का इस्तेमाल बार बार मूलमंत्र के तौर पर किया जाता है.’ सोनिया के मुताबिक, ‘‘विडंबना है कि वे विकास की बात करते हैं लेकिन भारत के विकास की आधारशिला रखने वाले नेहरुजी की विरासत और पाठों से सबक नहीं लेते.’ मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री जब विदेश में होते हैं तो कहते हैं कि भारत सहिष्णु है और सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर चलना चाहती है, लेकिन जब वह भारत में होते हैं तो इसको लेकर कुछ नहीं कहते.
उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा में दलित बच्चों की हत्या होती है या दादरी में जब धर्म के नाम पर हत्या होती है तो प्रधानमंत्री खामोश रहते हैं.’ मोदी, भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर एकपक्षीय होने का आरोप लगाते हुए राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री संसद में दिलचस्पी नहीं लेते और जब विपक्ष मुद्दे उठाता है तो न तो वह जवाब देते हैं और न ही उनकी सरकार जवाब देना चाहती जो नेहरु द्वारा उनके विरोधियों के प्रति सम्मान जताने के तरीके के बिल्कुल विरोधाभासी है.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असहिष्णुता के माहौल में विभिन्न आस्थाएं रखने के लिए लोगों परहमले होने का आरोप लगाते हुए मोदी पर विकास के मुद्दे के सहारे खुद को प्रचारित करने का आरोप लगाया.सिंह ने कहा, ‘‘हमारे प्रधानमंत्री विकास की बात करते हैं. जहां जाते हैं विकास के नाम पर अपनी दुकानदारी चमकाने की बात करते हैं.’ उनके इस बयान पर काफी तालियां बजीं.
राहुल ने बिहार में महागठबंधन की जीत पर पार्टी कार्यकर्ताओं की तारीफ करते हुए कहा, ‘‘आपने नीतीश और लालू के साथ गठबंधन में भाजपा और संघ की विचारधारा को बडा झटका दिया है. हम देश में और भी जगह ऐसा ही करने जा रहे हैं.’ कांग्रेस उपाध्यक्ष के अनुसार प्रधानमंत्री का रख हमेशा ऐसा होता है कि विपक्ष कुछ नहीं समझता. उन्हें लगता है कि वे सबकुछ जानते हैं और कोई कुछ नहीं जानता. अगर ऐसा होता तो अच्छे दिन आ गये होते.
उन्होंने कहा कि भाजपा, संघ और मोदी इस तरह से एकपक्षीय बातों में भरोसा करते हैं कि सभी एक आवाज में बोलते हैं और अलग मत के लिए उनके यहां कोई जगह नहीं है. लोकतंत्र की जडों को मजबूत करने में नेहरु के योगदान की सराहना करते हुए राहुल ने कहा कि जो लोग इसमें रोडे डालना चाहते हैं वे कभी भारतीय लोकतांत्रिक परंपरा के सही दावेदार नहीं हो सकते.
समारोह ऐसे समय में हुआ है जब कांग्रेस में इस तरह की राय बन रही है कि सरकार नेहरु के योगदान को कमतर करने के लिए सरदार पटेल की भूमिका को बढा चढाकर दिखा रही है. कांग्रेस के कार्यक्रम में नेहरु के बारे में पटेल के कई संदेश भी प्रदर्शित किये गये. समारोह में हिंदी और अंगे्रजी भाषा में नेहरु से संबंधित दो वेबसाइटों को भी शुरु किया गया.
समारोह शुरु होने से पहले सेवादल के हजारों कार्यकर्ताओं ने मार्च निकाला वहीं सोनिया और राहुल ने पार्टी के कई नेताओं के साथ शांति वन में नेहरु को श्रद्धंाजलि अर्पित की. आरएसएस का नाम लिये बिना उस पर हमला करते हुए सोनिया ने कहा कि इस संगठन ने विभाजन के लिए जिम्मेदार एक और संगठन के साथ 1942 में महात्मा गांधी के ‘भारत छोडो’ आंदोलन का सक्रियता से विरोध किया था. दूसरे संगठन से आशय मुस्लिम लीग से था.
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘‘जब नेहरुजी जैसे नेता हमारी आजादी के लिए लड रहे थे तभी आज सत्ता में बैठे लोगों के वैचारिक आका अपने घरों में महफूज छिपे हुए थे वहीं कुछ तो अपने ब्रिटिश आकाओं के प्रशंसागीत तक गा रहे थे. उन्होंने एक भी मार्च या जुलूस नहीं निकाला. उन्होंने ब्रिटिश दमनकारियों के खिलाफ एक प्रस्ताव तक पारित नहीं किया. उन्होंने विरोध में अपनी आवाज एक बार भी नहीं उठाई.’ उन्होंने कहा, ‘‘1942 में जब गांधीजी ने भारत छोडो आंदोलन का ऐलान किया था तो दो समूह इसका खुलकर और सक्रियता से विरोध कर रहे थे. इनमें से एक विभाजन के लिए जिम्मेदार था और दूसरा आज की सत्ता का रिमोट कंट्रोलर है.’ सोनिया ने कहा कि इन दोनों संगठनों ने अपने समर्थकों को गांधीजी के आह्वान की निंदा करने को कहा था.
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार इस अतीत को मिटाने के लिए आज कितने ही प्रयास कर ले, लेकिन यह एक ऐतिहासिक तथ्य है.’ कुछ बुद्धिजीवियों द्वारा असहिष्णुता के माहौल के खिलाफ अपने पुरस्कार लौटाये जाने के फैसले का जिक्र करते हुए सोनिया ने कहा कि साहित्य अकादमी के पहले अध्यक्ष के रुप में नेहरु ने कहा था कि उनका पहला कर्तव्य इसे प्रधानमंत्री के हस्तक्षेप से बचाना है.
सोनिया ने कहा, ‘‘लेकिन आज ये संस्थाएं मजाक बनकर रह गयी हैं. आज की अकादमियों और संस्थाओं को कौन बचाएगा .’ सिंह ने कहा कि देश में कुछ ताकतें हैं जो नये भारत के निर्माण में नेहरु की भूमिका के बारे में संदेह पैदा करना चाहती हैं. उन्होंने कहा, ‘‘वे सफल नहीं होंगे. अगर ये ताकतें सफल होती हैं तो देश की एकता और अखंडता तथा इसके लोकतंत्र को खतरा पैदा हो जायेगा.’ मोदी के विकास के दावों पर हमला बोलते हुए नेताओं ने नेहरु के विचार के दृष्टिकोण को रखा.
सोनिया ने कहा, ‘‘आज कुछ लोगों ने विकास की परिभाषा बदल दी है. उनके लिए विकास का मतलब गरीब किसानों की जमीन का जबरन अधिग्रहण करने का अधिकार है. उनके लिए विकास कुछ चुनिंदा उद्योगपतियों और कारोबारियों के और अमीर होने तक सीमित है.’ उन्होंने कहा, ‘‘नेहरुजी के लिए देश के विकास का अर्थ था उसके नागरिकों का विकास और उनका सशक्तिकरण.’ विकास के साथ सामाजिक न्याय की जरुरत पर जोर देते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि यदि विकास में अनुसूचित जाति और जनजाति तथा पिछडे वर्ग के लोगों की तरक्की शामिल नहीं है तो विकास का कोई मतलब नहीं है.

Next Article

Exit mobile version