जानें, अमेरिका जा रहीं सुषमा स्वराज आधे रास्ते से क्यों लौटीं ?

लॉस एंजिलिस: फ्रांस में आतंकी हमले की छाया क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस पर भी पडी है. आयोजन का शुभारंभ करने के लिए अमेरिका की यात्रा पर जा रहीं सुषमा स्वराज हमलों की पृष्ठभूमि में आधे रास्ते से ही भारत लौट रही हैं. कल शुरु हुए क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस में शिरकत करने वाले सैकडों लोगों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 15, 2015 12:34 PM

लॉस एंजिलिस: फ्रांस में आतंकी हमले की छाया क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस पर भी पडी है. आयोजन का शुभारंभ करने के लिए अमेरिका की यात्रा पर जा रहीं सुषमा स्वराज हमलों की पृष्ठभूमि में आधे रास्ते से ही भारत लौट रही हैं. कल शुरु हुए क्षेत्रीय प्रवासी भारतीय दिवस में शिरकत करने वाले सैकडों लोगों ने खौफनाक हमले के पीडितों की याद में एक मिनट का मौन रखा.अमेरिका की यात्रा पर गयीं स्वराज पेरिस आतंकी हमले को देखते हुए आधे रास्ते से नई दिल्ली लौट रही हैं.

नयी दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका की यात्रा के क्रम में दुबई में थोडे समय के लिए रुकीं स्वराज पेरिस में हमलों के बारे में सुनकर वापस आ रही हैं. विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह के अब दो दिवसीय आयोजन में शिरकत करने की उम्मीद है.पेरिस आतंकी हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए लॉस एंजिलिस में दो दिवसीय आयोजन में करीब 1,000 भारतीय-अमेरिकी शिरकत कर रहे हैं. कैलिफोर्निया के शीर्ष अमेरिकी सांसद ब्रैड शर्मन ने कहा कि फ्रांस की राजधानी पर हमला लश्करे तैयबा द्वारा नवंबर 2008 में किये गए मुंबई आतंकी हमले की तरह ही है
आतंकवाद पर विदेश मामलों की सदन की सब कमेटी के पूर्व अध्यक्ष शरमन ने कहा, ‘‘आज हमें पेरिस, न्यूयार्क, इराक…मुंबई में हमलों को लेकर विचार करना चाहिए. पेरिस का हमला मुंबई आतंकी हमले की तरह हुआ.” पेरिस और मुंबई हमलों ने दिखा दिया है कि लोगों का एक छोटा सा गुट किस तरह शहर में खौफ पैदा कर सकता है. उन्होंने कहा कि आईएसआईएस ने पेरिस में हमले के लिए मुंबई मॉडल अपनाया.
उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई पर हमले का लश्करे तैयबा, पाकिस्तानी सेना और उसकी खुफिया एजेंसी ने समर्थन किया. इसकी साजिश रचने में कई साल लगे. अब हमें आतंकवाद के खिलाफ यह कहते हुए खडा होना होगा कि बहुत हो चुका.” आयोजन को अपने संबोधन में अमेरिका में भारतीय दूत अरुण के सिंह ने कहा कि भारत के साथ जुडने के लिए भारतीय-अमेरिकियों के बीच आकांक्षा बढ रही है.
उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीयों के बीच इस बात पर सहमति है कि भारत में अवसर बढ रहा है. पिछले 18 महीने में नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों का हवाला देते हुए दूत ने कहा कि भारत में बदलाव से अवसर बढ रहे हैं.उन्होंने कहा कि इस साल के पहले छह महीने में भारत में अधिकतम एफडीआई गया. भरोसा सूचकांक में भी भारत शीर्ष पर रहा.सिंह ने कहा कि भारतवंशी भारत और अमेरिका दोनों के विकास में बडी भूमिका अदा कर रहे हैं. भारत सरकार ने कल भारत में भारतीय अमेरिकियों को इंटर्नशिप कार्यक्रम की घोषणा की.

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