धार / मध्यप्रदेश : बिहारी में चुनावी पराजय को लेकर विरोध के सुर तेज होने के बीच पार्टी के एक और बुजुर्ग नेता संघप्रिय गौतम ने पार्टी संगठन में फेरबदल की मांग करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को हार की जिम्मेदारी लेनी चाहिए. उन्होंने सुझाव दिया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को ‘राजनीति छोड़’ अपने संगठन को मजबूत करने पर ध्यान देना चाहिए और शाह की जगह राजनाथ सिंह को भाजपा प्रमुख बनाते हुए उन्हें शाहको गुजरात का मुख्यमंत्री बना देना चाहिए.
गौतम ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मोदी और शाह की टीम को बिहार में चुनावी पराजय की जिम्मेदारी लेने से नहीं हिचकिचाना चाहिए. इससे पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, शांता कुमार और यशवंत सिन्हा ने बिहार में हार के लिए मोदी-शाह द्वय को निशाना बनाकर एक कड़ा बयान जारी किया था और कहा था चुनावी शिकस्त के लिए जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए.
ऐतिहासिक मांडू शहर के दौरे पर आए गौतम ने अमित शाह को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाने की भी पैरवी करते हुए कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल अपने राज्य में वर्ग संघर्ष पर नियंत्रण कर पाने में ‘अक्षम’ हैं. गौतम ने कहा, ‘‘पार्टी को शाह के अनुभव का गुजरात में फायदा लेना चाहिए” और सुझाव दिया कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाना चाहिए तथा नितिन गडकरी को उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाना चाहिए. बिहार चुनावों पर निराश, 84 वर्षीय गौतम ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को सलाह दी कि ‘हिंदुओं के हित में राजनीति छोड दें’ और अपनी उर्जा संगठन को मजबूत करने पर केंद्रित करना चाहिए. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने बिहार में चुनावी हार के लिए पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा दिए गए गैरजिम्मेदार बयानों को दोषी ठहराया और भागवत से आरएसएस के सहयोगी संगठनों को विवादित टिप्पणी देने वालों पर रोक लगाने को कहा.
गौतम ने कहा, ‘‘सोशल इंजीनियरिंग क्षेत्र के सशक्तिकरण के साथ केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को उपप्रधानमंत्री बनाना चाहिए.” उत्तरप्रदेश में पार्टी की स्थिति पर चिंतित भाजपा के दलित नेता ने सुझाव दिया, ‘‘उत्तरप्रदेश में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए केंद्रीय मंत्री कलराज मिश्रा को महत्वपूर्ण उत्तरी राज्य में जाति समीकरण संतुलन बनाने की जिम्मेदारी देनी चाहिए.” हालांकि, एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर पार्टी का नेतृत्व करना चाहिए और उनके नेतृत्व में ही भाजपा को अगला लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए.