आईएसआईएस के खतरों के प्रति भारत चौकस : राजनाथ
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत पेरिस हमलों के बाद आतंकवादी समूह आईएस से पेश खतरे के प्रति चौकस है. सिंह ने यहां एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘आईएसआईएस किसी खास देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है. भारत आईएसआईएस के […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि भारत पेरिस हमलों के बाद आतंकवादी समूह आईएस से पेश खतरे के प्रति चौकस है. सिंह ने यहां एक कार्यक्रम से इतर पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘आईएसआईएस किसी खास देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए खतरा है. भारत आईएसआईएस के प्रति चौकस है.” पेरिस पर शुक्रवार की रात को आतंकवादी हमलों की एक श्रृंखला में 129 लोगों की मौत हो गई.
स्ताद दे फ्रांस स्टेडियम के पास कम से कम दो विस्फोट हुए जहां फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांदे फ्रांस और जर्मनी के बीच एक दोस्ताना फुटबाल मैच देख रहे थे. इन हमलों के बाद ओलांदे ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी और कहा कि वह देश की सरहदें बंद कर रहे हैं.
भारतीय सुरक्षा प्रतिष्ठान के अनुसार 20 के करीब भारतीय इराक-सीरिया में आईएसआईएस के लिए लड रहे हैं. उनमें महाराष्ट्र के कल्याण के दो युवा, ऑस्ट्रेलिया आधारित एक कश्मीरी, तेलंगाना का एक युवक, कर्नाटक का एक शख्स, ओमान आधारित एक भारतीय और सिंगापुर आधारित एक भारतीय शामिल है.
पिछले साल, आईएसआईएस के साथ करीब छह माह गुजारने के बाद कल्याण का एक युवक घर लौटा था. उसे मुंबई में गिरफ्तार कर लिया गया. आईएसआईएस के लिए लडते हुए मारे जाने वाले छह भारतीय में इंडियन मुजाहिदीन के तीन आतंकवादी, महाराष्ट्र के दो और तेलंगाना का एक शख्स शामिल है.
संयुक्त अरब अमीरात ने आईएसआईएस के साथ संपर्क का संदेह जताते हुए 15 सितंबर को चार भारतीय को भारत भेजा था. सितंबर में ही उसने 37 वर्षीय महिला अफशा जबीं उर्फ निकी जोसफ को भारत भेजा था जो कथित रुप से आईएसआईएस के लिए युवकों की भर्ती कर रही थी. अभी तक 17 युवकों को सीरिया जाने से रोका गया. उनमें से ज्यादातर तेलंगाना के थे.