भारतीय एजेंसियों में शामिल पाकिस्तानी जासूस ने 26..11 के हमलावरों की मदद की
नयी दिल्ली: भारतीय सुरक्षा एजेंसियों में शामिल पाकिस्तानी जासूस ने आईएसआई के संचालकों को मुंबई में 26..11 के आतंकवादी हमले के लिए हमलावरों के मुंबई में उतरने के जगह की पहचान करने में मदद की थी. इस जासूस का कूट नाम ‘हनी बी’ था. यह दावा ब्रिटेन के दो पत्रकारों की एक किताब में किया […]
नयी दिल्ली: भारतीय सुरक्षा एजेंसियों में शामिल पाकिस्तानी जासूस ने आईएसआई के संचालकों को मुंबई में 26..11 के आतंकवादी हमले के लिए हमलावरों के मुंबई में उतरने के जगह की पहचान करने में मदद की थी. इस जासूस का कूट नाम ‘हनी बी’ था. यह दावा ब्रिटेन के दो पत्रकारों की एक किताब में किया गया है.
इसमें कहा गया है कि आतंकवादियों के उतरने की जगह बधवार पार्क के बारे में आईएसआई संचालकों ने पाकिस्तान अमेरिकी नागरिक एवं लश्कर आतंकवादी डेविड हेडली के साथ सूचना साझा की थी जिसने इलाके की टोह लेने के दौरान इस जगह की भी टोह ली थी.
एंड्री लेवी और कैथी स्कॉट क्लार्क की किताब ‘द सीज’ में दावा किया गया है कि हेडली को पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) ने दो वर्षों तक निगरानी एवं काउंटर इंटेलीजेंस का प्रशिक्षण दिया था. उसके संचालक आईएसआई के मेजर इकबाल ने उसे गुप्त भारतीय दस्तावेज दिए थे और उसे बताया था कि इसे भारतीय पुलिस और सेना से प्राप्त किया गया है जिसमें उनके प्रशिक्षण एवं दायरे का जिक्र है.
किताब में दावा किया गया, ‘‘मेजर ने उन्हें बताया कि नई दिल्ली में उनका एक सुपर एजेंट है जो हनी बी के नाम से जाना जाता है. मेजर ने खुलासा किया कि वह हेडली का निर्देशन करेगा जबकि मुंबई ऑपरेशन को लश्कर अंजाम देगा.’’