कूपर के साथ विवाद में दिया गया फैसला ‘आंशिक रुप से पक्ष’ में : अपोलो

नयी दिल्ली: अपोलो टायर्स ने आज कहा कि कूपर टायर के साथ विवाद में अमेरिका की एक अदालत द्वारा दिया गया फैसला आंशिक रुप से उसके पक्ष में है और कंपनी आगे चलकर एक अर्थपूर्ण रास्ता खोजने के लिए प्रतिबद्ध है.अपोलो टायर्स ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें खुशी है कि डेलावेयर कोर्ट ने पाया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2013 3:28 PM

नयी दिल्ली: अपोलो टायर्स ने आज कहा कि कूपर टायर के साथ विवाद में अमेरिका की एक अदालत द्वारा दिया गया फैसला आंशिक रुप से उसके पक्ष में है और कंपनी आगे चलकर एक अर्थपूर्ण रास्ता खोजने के लिए प्रतिबद्ध है.अपोलो टायर्स ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें खुशी है कि डेलावेयर कोर्ट ने पाया कि अपोलो ने कूपर टायर के साथ विलय समझौते का उल्लंघन नहीं किया. इसके अलावा, अदालत ने पाया कि अपोलो ने यूनाइटेड स्टीवर्कर्स (यूएसडब्ल्यू) के साथ बातचीत करने का उचित भरसक प्रयास किया.’’अक्तूबर में कूपर ने डेलावेयर कोर्ट में एक शिकायत दर्ज कर विलय पूरा करने के लिए दबाव बनाया था और कहा था कि भारतीय फर्म यूएसडब्ल्यू के साथ समझौता करने में विलंब कर रही है.

यूएसडब्ल्यू फिंडले, ओहियो और टेक्सार्काना में स्थित कूपर के कारखानों के कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करती है.अपोलो ने कूपर के इन आरोपों से न केवल इनकार किया, बल्कि चीन में कंपनी के परिचालन से जुड़ी समस्याओं का हवाला देते हुए ढाई अरब डालर के सौदे में मूल्य घटाने और कर्मचारी यूनियन से रियायत की मांग की थी जिसे कूपर द्वारा अस्वीकार कर दिया गया था.

इस सप्ताह की शुरआत में, कूपर ने कहा कि यूएसडब्ल्यू के साथ समझौते पर पहुंच गई है जिससे अपोलो के साथ सौदे को पूरा करने में मदद मिलेगी.

अपोलो ने जून माह में कूपर टायर एण्ड रबर कंपनी के अधिग्रहण की घोषणा की थी. यह सौदा 2.5 अरब डालर (करीब 14,500 करोड़ रुपये ) के नकद सौदे में किया जाना था. विलय के बाद बनने वाली कंपनी दुनिया के 7वीं सबसे बड़ी टायर विनिर्माता कंपनी होगी.

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