वीरभद्र के खिलाफ धनशोधन मामले में ईडी ने की तीन राज्यों में छापेमारी
नयी दिल्ली : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने आज तीन राज्यों में दर्जनभर परिसरों में तलाशी ली.आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सिंह के कुछ सहयोगियों पर और एजेंसी द्वारा हाल ही में दिल्ली में दर्ज की गई प्राथमिकी में दर्ज […]
नयी दिल्ली : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने आज तीन राज्यों में दर्जनभर परिसरों में तलाशी ली.आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि सिंह के कुछ सहयोगियों पर और एजेंसी द्वारा हाल ही में दिल्ली में दर्ज की गई प्राथमिकी में दर्ज लोगों पर दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में छापेमारी की गई.
सूत्रों ने कहा कि तलाशी आज सुबह जल्दी शुरु कर दी गई. उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे कारोबारी प्रतिष्ठानों पर भी छापेमारी की गई, जिन्होंने सिंह के सहयोगियों से कथित तौर पर फंड प्राप्त किया था.ईडी ने सीबीआई द्वारा सितंबर में दर्ज कराई गई धनशोधन से जुडी आपराधिक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद धनशोधन रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत सिंह के खिलाफ धनशोधन का मामला दर्ज किया.
सूत्रों ने कहा कि जांचकर्ताओं ने कथित तौर पर सिंह और उनके सहयोगियों द्वारा तथाकथित अवैध रास्तों को अपनाते हुए ‘‘अपराध से जुटाए गए धन” की जांच और पहचान के लिए कुछ ‘‘महत्वपूर्ण” दस्तावेज जुटाए हैं.ऐसा आरोप है कि सिंह और उनके परिवार के सदस्यों ने वर्ष 2009 और 2011 के बीच 6.1 करोड रुपए की अकूत संपदा जुटाई.
उस समय वह केंद्रीय इस्पात मंत्री थे.सीबीआई को संदेह है कि वर्ष 2009-11 की अवधि में, सिंह ने एलआईसी एजेंट चौहान के माध्यम से अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर एलआईसी पॉलिसियों में कथित तौर पर 6.1 करोड रुपए का निवेश किया था। उन्होंने यह दावा किया था कि यह धन उनकी खेती से हुई आय है.ऐसा आरोप है कि सिंह ने इसी खेती की आय को वर्ष 2012 में संशोधित आयकर रिटर्न दायर करके वैध रुप देने की कोशिश की थी.