शीना बोरा हत्याकांड : सरकार ने रायगढ़ पुलिस की ‘‘ढिलाई”” पर रिपोर्ट मांगी
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने शीना बोरा हत्या मामले में रायगढ़ पुलिस की कथित ढिलाई को लेकर पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित को एक नयी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है और वह पूर्व डीजीपी संजीव दयाल द्वारा सौंपी गयी ‘‘एक पृष्ठ’ की रिपोर्ट से ‘‘असंतुष्ट’ है. राज्य सरकार ने यह जांच करने का आदेश दिया […]
मुंबई : महाराष्ट्र सरकार ने शीना बोरा हत्या मामले में रायगढ़ पुलिस की कथित ढिलाई को लेकर पुलिस महानिदेशक प्रवीण दीक्षित को एक नयी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है और वह पूर्व डीजीपी संजीव दयाल द्वारा सौंपी गयी ‘‘एक पृष्ठ’ की रिपोर्ट से ‘‘असंतुष्ट’ है. राज्य सरकार ने यह जांच करने का आदेश दिया है कि 23 मई 2012 को जब महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के पेन तालुका के जंगलों में शीना बोरा का शव पहली बार मिला तो पुलिस ने कोई प्राथमिकी या एडीआर :आकस्मिक मौत रिपोर्ट’ क्यों नहीं दर्ज की. अतिरिक्त मुख्य सचिव :गृह: केपी बक्शी ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘ पिछले डीजी संजीव दयाल ने हमें एक पृष्ठ की एक रिपोर्ट सौंपी लेकिन मैं इससे संतुष्ट नहीं हूं. मैंने कहा कि एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित दस्तावेजों की जरूरत होगी.’ बक्शी ने कहा, ‘‘ नए डीजी प्रवीण दीक्षित को अब संबंधित दस्तावेजों के साथ एकनयी रिपोर्ट सौंपने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. हमें अगले 15 दिनों में रिपोर्ट मिलने की संभावना है.’
इस बीच शीना बोरा हत्या मामले की जांच में देरी में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की कथित संलिप्तता के संबंध में मीडिया की खबरों से इनकार करते हुए बख्शी ने पहले कहा था कि सरकार को इस मुद्दे पर सीबीआई से कोई आधिकारिक संवाद नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जांच का जिम्मा जांच एजेंसी को सौंपने के दो दिनों के अंदर यह सुनिश्चित किया कि उसे सभी जरूरी मदद मिल सकेे. हमने दो दिनों के अंदर उनके ठहरने, वाहनों, स्टेशनरी सामान, कंप्यूटर आदि की व्यवस्था की ताकि आरोपपत्र दाखिल करने में महत्वपूर्ण समय बर्बाद नहीं हो. उन्होंने कहा, ‘‘उसके बाद, महाराष्ट्र पुलिस के पास मौजूद सभी दस्तावेजों को अंगरेजी और हिंदी में अनुवाद कराने में हमें करीब 20 दिन लगे. हमने उसके बाद इन दस्तावेजों को सरकार द्वारा मंजूरी प्राप्त एक प्रमाणकर्ता से सत्यापित कराया.
बक्शी ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर सीबीआई को सरकारी सहायता और मामले को आगे बढाने में उनकी त्वरित कार्रवाई से प्रमुख जांच एजेंसी ने समय से पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर दिया. हालांकि उन्होंने इस सवाल पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि अगर यह मामला सीबीआइ को नहींसौंपा जाता तो पूर्व मीडिया हस्ती पीटर मुखर्जी कानून के चंगुल से बच निकलते. सीबीआइ ने पीटर को इस चर्चित हत्या मामले में गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. शुक्रवार को सीबीआइ ने पीटर मुखर्जी पर हत्या तथा आपराधिक साजिश का आरोप लगाया.