आडवाणी ने फिर उठाया नेहरु-पटेल मतभेद का मामला

नयी दिल्ली : देश के विभाजन के समय हैदराबाद को भारत में मिलाने के लिए वहां सेना भेजने को लेकर जवाहरलाल नेहरु और सरदार पटेल के बीच कथित मतभेद के बारे में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज एक अन्य किताब का हवाला दिया. आडवाणी ने नेहरु और पटेल के बीच उक्त मुद्दे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2013 2:50 PM

नयी दिल्ली : देश के विभाजन के समय हैदराबाद को भारत में मिलाने के लिए वहां सेना भेजने को लेकर जवाहरलाल नेहरु और सरदार पटेल के बीच कथित मतभेद के बारे में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने आज एक अन्य किताब का हवाला दिया.

आडवाणी ने नेहरु और पटेल के बीच उक्त मुद्दे पर मतभेद को दिखाने के लिए अपने ब्लॉग के नयी पोस्टिंग में एक पत्रकार बलराज कृष्णा की पुस्तक इंडियाज बिस्मार्क: सरदार वल्लबभाई पटेल का उल्लेख किया है.

उन्होंने इस पुस्तक को उद्धृत करते हुए कहा, लोकत्रांतिक व्यवस्था में पुलिस एक्शन के लिए कैबिनेट की अनुमति जरूरी होती है. इसमें नेहरू की अनिच्छा को पार पाने में पटेल को काफी मशक्कत करनी पड़ी. नेहरू की अध्यक्षता वाली रक्षा समिति की एक बैठक में इतनी अधिक तल्खी हो गयी कि सरदार पटेल उससे उठ कर चले गये. आगे उन्होंने कहा कि तत्कालीन गृह सचिव वी पी मेनन ने बाद में एक रोटरी बैठक में बताया कि उन्होंने गृह मंत्री (पटेल) की कुर्सी खाली देखी तो वह भी पांच मिनट बाद कैबिनेट की बैठक से चले गये.

किताब के हवाले से आडवाणी ने कहा, लगता है कि इस बात ने नेहरु के आत्मतुष्ट मूड को हिला कर रख दिया और उन्होंने अपने विरोध को कुछ हल्का किया. बाद में गवर्नर जनरल (राजगोपालाचारी), प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मेनन की उपस्थिति में हुई बैठक में हैदराबाद सेना भेजने का आदेश देने का निर्णय हुआ.

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