राजग कार्यकाल से पाक नेताओं से मिल रहे हैं कश्मीरी अलगाववादी: शिंदे
नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज भाजपा की इस आलोचना पर पलटवार किया कि उसने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज को भारतीय सरजमीं पर कश्मीरी अलगाववादियों से मिलने की अनुमति देकर ‘राजनयिक भूल’ की है. सरकार ने कहा कि इस तरह की बैठकें राजग कार्यकाल के दौरान भी हुई थीं.गृह मंत्री […]
नयी दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज भाजपा की इस आलोचना पर पलटवार किया कि उसने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के सलाहकार सरताज अजीज को भारतीय सरजमीं पर कश्मीरी अलगाववादियों से मिलने की अनुमति देकर ‘राजनयिक भूल’ की है.
सरकार ने कहा कि इस तरह की बैठकें राजग कार्यकाल के दौरान भी हुई थीं.गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि कश्मीरी अलगाववादी नेता भारतीय सरजमीं पर पाकिस्तानी नेताओं से राजग के शासन के समय से मिल रहे हैं, जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘वे (कश्मीरी अलगाववादी) वर्ष 1999 से (पाकिस्तानी नेताओं से) मिल रहे हैं. जब उनके प्रधानमंत्री आए, तब भी उन्होंने मुलाकात की थी. वे अक्तूबर 2000 में भी मिले. वर्ष 2001 में भी वे मिले. वर्ष 2003 और मार्च 2004 में भी उन्होंने फिर से मुलाकात की थी.’’शिंदे भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह की इस आलोचना से जुडे सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि संप्रग सरकार ने अजीज को भारतीय सरजमीं पर अलगाववादियों से मिलने की अनुमति देकर ‘राजनयिक भूल’ की है.
उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में भी कश्मीरी अलगाववादियों ने (पाकिस्तानी नेताओं से) मुलाकात की थी. वहीं से उदाहरण तय हुआ था.हालांकि गृह मंत्री ने कहा कि सरकार देखेगी कि इस संबंध में भविष्य में क्या हो सकता है.पाकिस्तान उच्चायोग में अजीज से मीरवाइज उमर फारुक के नेतृत्व वाले हुर्रियत के नरमपंथी धड़े, जेकेएलएफ प्रमुख यासीन मलिक, हुर्रियत के कट्टरपंथी धड़े के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी और दुख्तरान ए मिल्लत के नेताओं ने मुलाकात की थी. मीरवाइज ने कल कहा था कि हुर्रियत ने राजग कार्यकाल के दौरान पाकिस्तानी नेताओं से मुलाकात की थी.