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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कैंपाकोला परिसर में उत्सव का माहौल

मुंबई : उच्चतम न्यायालय द्वारा कैंपा कोला परिसर में छह महीनों के लिए गैरकानूनी फ्लैटों को गिराये जाने पर स्थगनादेश दिये जाने के बाद यहां परिसर में उत्सव का माहौल शुरू हो गया. लोगों ने फैसले पर खुशी जाहिर करने के लिए आतिशबाजी की. अदालत के आदेश से कुछ ही समय पहले बृहनमुंबई नगर निगम […]

मुंबई : उच्चतम न्यायालय द्वारा कैंपा कोला परिसर में छह महीनों के लिए गैरकानूनी फ्लैटों को गिराये जाने पर स्थगनादेश दिये जाने के बाद यहां परिसर में उत्सव का माहौल शुरू हो गया. लोगों ने फैसले पर खुशी जाहिर करने के लिए आतिशबाजी की.

अदालत के आदेश से कुछ ही समय पहले बृहनमुंबई नगर निगम का दस्ता गेट तोड़कर परिसर के अंदर पहुंच गया था. उन्होंने गेट तोड़ने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल किया. लोगों ने हालांकि प्रवेश को अवरुद्ध करने की भरसक कोशिश की.

स्थानीय लोगों और पुलिस के बीच कहासुनी ने झगड़े का रूप ले लिया. कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने महिलाओं के खिलाफ बल प्रयोग किया. न्यायालय के आदेश के बाद निगम का दस्ता वापस लौट गया.

कैंपा कोला सोसायटी में रह रहे लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने बिल्डिंग ढहाने के काम में रोक लगा दी है. कोर्ट ने बीएमसी कार्रवाइ पर 31 मई 2014 तक रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश तत्‍काल प्रभाव से लागू होगा.शीर्ष अदालत ने इमारत को तोड़े जाने को लेकर मीडिया में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लिया और मुम्बई नगर निकाय की कार्रवाई पर रोक लगायी.

इससे पहले आज सुबह कैंपा कोला सोसाइटी को ढ़हाने के लिए बीएमसी की टीम कैंपस के अंदर पहुंच गयी थी और इमारत ढ़हाने का काम शुरू कर दिया गया था.बताते चलें की महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा से कंपाउंड को बचाने के लिए एटार्नी जनरल जी ई वाहनवती की राय लेने को कहा है.

चव्हाण ने कहा, ‘‘आवासीय सोसायटी पर महाधिवक्ता डेरियस खंबाटा के विचार नकारात्मक हैं. कानूनी रुपरेखा के खिलाफ जाने का सवाल नहीं है. मैंने मिलिंद देवड़ा से कहा है कि इमारत को बचाने के लिए एटार्नी जनरल की राय लें.’’उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कंपाउंड की अवैध मंजिलों पर रहने वाले परिवारों का पुनर्वास उपनगर मुंब्रा के निवासियों के पुनर्वास की तर्ज पर करने के लिए तैयार है.

चव्हाण ने यह भी साफ किया कि राज्य सरकार कोई अध्यादेश जारी नहीं करेगी क्योंकि उसका भी वैसा ही हश्र हो सकता है जैसा केंद्र द्वारा आपराधिक मामलों का सामना कर रहे सांसदों को बचाने के लिए जारी अध्यादेश का हुआ था.

कंपाउंड की सात इमारतों की 35 अवैध मंजिलों में करीब 100 परिवार रह रहे हैं. शिवसेना और भाजपा ने चेतावनी दी है कि जब नगर निगम के कर्मचारी कल इमारत को गिराएंगे तो वे आंदोलन कर रहे निवासियों का साथ देंगे. नगर निगम पर शिवसेना-भाजपा का ही कब्जा है.

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