संसद सत्र से पहले सांसदों को लिखा पत्र
नयी दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र से पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सभी सदस्यों को एक पत्र लिखकर कहा है कि वह सदन में उनसे स्थापित गरिमा कायम रखने की उम्मीद करती हैं क्योंकि कई बार मुद्दों पर मतभेद होने के चलते शिष्टता को ताक पर रख दिया जाता है. उन्होंने पत्र में […]
नयी दिल्ली : संसद के शीतकालीन सत्र से पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सभी सदस्यों को एक पत्र लिखकर कहा है कि वह सदन में उनसे स्थापित गरिमा कायम रखने की उम्मीद करती हैं क्योंकि कई बार मुद्दों पर मतभेद होने के चलते शिष्टता को ताक पर रख दिया जाता है. उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘जीवन के प्रत्येक पहलू में एक दूसरे से हर कोई शालीन एवं नैतिक व्यवहार की उम्मीद करता है.
क्या मैं लोकसभा में यह उम्मीद कर सकती हूं जिसे हम लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं. हम स्वीकृत गरिमा के अनुरुप व्यवहार करे ताकि प्रतिष्ठा एवं गरिमा कायम रह सके.’ उनका यह पत्र इन धारणाओं के बीच लिखा गया है कि 26 नवंबर से शुरु होने जा रहा संसद का आगामी सत्र हंगामेदार होगा क्योंकि विपक्ष विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की योजना बना रहा है.
सुमित्रा ने कहा कि लोकतंत्र में विचारों के किसी भी मंच पर विचारों में मतभेद होना अस्वाभाविक नहीं है. ‘‘यहां तक तो ठीक है. किन्तु कई बार, सहमति एवं असहमति से परे लोकतंत्र को ताक पर रख दिया जाता है जिसमें गतिरोध की स्थिति उत्पन्न हो जाती है.’ उन्होंने कहा, ‘‘उस स्थिति में हम सब और समूचे देश पर नकारात्मक प्रभाव पडता है.
मेरे मन में यह विचार आया कि कम से कम हम एक दूसरे से बातचीत करें और मुझे आपके समक्ष अपनी भावना रखनी चाहिए.’ विपक्ष के विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के चलते संसद का पिछला मानसून सत्र पूरी तरह धुल गया था. हंगामे के बीच ही लोकसभा अध्यक्ष ने विपक्षी कांग्रेस के 44 में से 25 सदस्यों को हंगामा मचाने के कारण पांच दिनों के लिए निलंबित कर दिया था.