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बोले रामगोपाल, ”हिंदू बहुल देश में तीन मुसलमान सुपरस्‍टार…”

नयी दिल्‍ली : सोमवार को आमिर खान के असहिष्‍णुता वाले बयान के बाद फिल्‍म निर्माता रामगोपाल वर्मा ने उनपर निशाना साधते हुए कहा कि एक हिंदू बहुल देश में तीन मुस्‍लिम स्‍टार शाहरूख आमिर और सलमान सुरपस्‍टार हैं. मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि देश में असहिष्‍णुता है. रामगोपाल वर्मा ने अपने ट्विट में […]

नयी दिल्‍ली : सोमवार को आमिर खान के असहिष्‍णुता वाले बयान के बाद फिल्‍म निर्माता रामगोपाल वर्मा ने उनपर निशाना साधते हुए कहा कि एक हिंदू बहुल देश में तीन मुस्‍लिम स्‍टार शाहरूख आमिर और सलमान सुरपस्‍टार हैं. मैं नहीं समझ पा रहा हूं कि देश में असहिष्‍णुता है. रामगोपाल वर्मा ने अपने ट्विट में आगे लिखा कि जिस देश में हिंदू प्रभावपूर्ण स्थिति में हैं वहां तीन मुसलमानों का स्‍टार होना खुद साबित करता है कि यह देश असहिष्‍णु नहीं है. एक और ट्विट में रामगोपाल ने लिखा कि कुछ असहिष्‍णुता की छिटपुट घटनाओं को लेकर बेवहज का विवाद खड़ा किया जा रहा है, जबकि तीन मुसलमान अभिनेताओं का स्‍टारडम यह साबित करता है कि यह देश असहिष्‍णु नहीं है और यहां के बहुसंख्‍यक लोग सहिष्‍णु हैं.

रामगोपाल ने आगे लिखा है कि अगर आप इस देश में एक परिवार की तरह रहते हैं तो परिवार का कोई भी सदस्‍य सार्वजनिक रूप से अपनी परिवार की समस्‍याओं या गलतियों को उजागर नहीं करता है. इसके साथ रामगोपाल वर्मा ने आम लोगों से राय मांगी है. आमिर के बयान के बाद अभिनेता अनुपम खेर ने आमिर से पूछा कि उनकी पत्‍नी कौन से देश जाना चाहती है. उधर परेश रावल ने भी आमिर को सुझाव दिया कि अगर हम अपनी मातृभूमि से प्रेम करते हैं तो विकट परिस्थिति में देश छोड़कर भागेंगे नही, बल्कि उसका मुकाबला करेंगे.उधर आमिर खान के असहिष्णुता वाले बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए अभिनेत्री रवीना टंडन ने कहा कि जो लोग मोदी की पीएम नहीं देखना चाहते, वे चाहते हैं कि सरकार गिर जाये. ऐसे लोग राजनीति के लिए देश को शर्मसार कर रहे हैं.

बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान बढती असहिष्णुता के खिलाफ आवाज उठाने वाले प्रबुद्ध वर्ग में सोमवार को शामिल हो गये और कहा कि कई घटनाओं ने उन्हें ‘चिंतित’ किया है और उनकी पत्नी किरण राव ने यहां तक सुझाव दे दिया कि उन्हें संभवत: देश छोड देना चाहिए. खान ने वस्तुत: उन लोगों का समर्थन किया जो अपने पुरस्कार लौटा रहे हैं और कहा कि रचनात्मक लोगों के लिए उनका पुरस्कार लौटाना अपना असंतोष या निराशा व्यक्त करने के तरीकों में से एक है. उन्होंने यहां पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में कहा, ‘एक व्यक्ति के तौर पर, एक नागरिक के रूप में इस देश के हिस्से के तौर पर हम समाचार पत्रों में पढते हैं कि क्या हो रहा है, हम इसे समाचारों में देखते हैं और निश्चित तौर पर मैं चिंतित हुआ हूं. मैं इससे इनकार नहीं कर सकता. मैं कई घटनाओं से चिंतित हुआ हूं.’

अभिनेता से जब पेरिस हमले और आईएसआईएस पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि धर्म के नाम पर हिंसा निंदनीय है. आमिर ने कहा, ‘मैं इन चीजों के बारे में सोचता हूं. मुझे नहीं लगता कि वह इस्लामिक कदम था. एक व्यक्ति कुरान लेकर लोगों की हत्याएं कर रहा है, उसे लगता होगा कि वह इस्लामिक कदम उठा रहा है, लेकिन मुसलमान होने के नाते मुझे लगता है कि वह जो कर रहा है वह इस्लामिक नहीं है.’ उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए स्पष्ट है, एक व्यक्ति जो मासूमों की हत्या कर रहा है, मुसलमान नहीं है. जहां तक मेरा सवाल है, वह मुसलमान नहीं है. वह मुसलमान होने का दावा कर सकता है, लेकिन हमें उसे मुसलमान नहीं मानना चाहिए. वह आतंकवादी है और उसे आतंकवादी के रूप में ही पहचानना चाहिए. मेरी समस्या सिर्फ आईएसआईएस से नहीं बल्कि उस तरह की सोच से है.’

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