नयी दिल्ली: कर्नाटक सरकार द्वारा मनायी गयी टीपू सुल्तान की जन्मशती लगातार विवादों में हैं. वहीं संघ के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ में कहा गया है कि टीपू सुल्तान दक्षिण भारत का औरंगजेब था जिन्होंने जबरन लाखों लोगों का धर्मांतरण कराया. कुछ इतिहासकारों ने भ्रामक तौर पर टीपू सुल्तान की सहिष्णु वाली तस्वीर जनता के सामने रखी है लेकिन हकीकत इसके विपरित है.
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”दक्षिण का औरंगजेब था टीपू सुल्तान”
नयी दिल्ली: कर्नाटक सरकार द्वारा मनायी गयी टीपू सुल्तान की जन्मशती लगातार विवादों में हैं. वहीं संघ के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ में कहा गया है कि टीपू सुल्तान दक्षिण भारत का औरंगजेब था जिन्होंने जबरन लाखों लोगों का धर्मांतरण कराया. कुछ इतिहासकारों ने भ्रामक तौर पर टीपू सुल्तान की सहिष्णु वाली तस्वीर जनता के सामने रखी […]
RSS समर्थक प्रकाशन में यह भी सुझाव दिया गया है कि कि,’ सरकार को टीपू सुल्तान जैसी विवादित हस्तियों से दूरी बनाये रखनी चाहिये. उन्हें सर मिर्जा इस्माइल और मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसी शख्सियतो की जयंती मनाना चाहिये.’ सर मिर्जा इस्माइल मैसूर रियासत और बाद में हैदराबाद और जयपुर के दीवान थे.
‘पांचजन्य’ में कहा गया है कि, ‘ टीपू सुल्तान की जयंती मनाने का केवल यह उद्देश्य मुस्लिम मतों का ध्रुवीकरण करना था. टीपू सुल्तान एक विवादास्पद शख्सियत रहे हैं.’ वहीं आगे यह भी लिखा गया है कि, ‘ टीपू सुल्तान एक असहिष्णु और निरंकुश शासक था. जिसने कई लोगों का धर्मांतरण कराया और बड़ी संख्या में मंदिरों को गिराया. वह दक्षिण का औरंगजेब था.’
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