”आईएसआईएस का भारतीयों को भर्ती करने का प्रयास जारी”
नयी दिल्ली : आईएसआईएस भारत के लिए ताजा चुनौती है और देश से युवकों को भर्ती करने का इसका प्रयास जारी है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने यहां एक समारोह के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी ताजा चुनौती आईएसआईएस है. हालांकि यूरोप की तरह का खतरा या वैसी उपस्थिति हमारे यहां नहीं है लेकिन […]
नयी दिल्ली : आईएसआईएस भारत के लिए ताजा चुनौती है और देश से युवकों को भर्ती करने का इसका प्रयास जारी है. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने यहां एक समारोह के इतर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी ताजा चुनौती आईएसआईएस है.
हालांकि यूरोप की तरह का खतरा या वैसी उपस्थिति हमारे यहां नहीं है लेकिन हमें मानना होगा कि भर्ती (आईएसआईएस द्वारा) का प्रयास जारी है.” उन्होंने कहा कि सुरक्षा बल सतर्क हैं और आईएसआईएस के खतरे पर लगाम लगाने में सफल रहे हैं लेकिन युवकों को कट्टर बनाने का प्रयास रोकने के लिए कदम उठाने होंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘स्थिति पर लगाम लगाने में भारत सफल रहा है. लेकिन हमें युवकों पर ध्यान केंद्रित करना होगा और उनको कट्टर बनने से रोकना होगा, उन इलाकों और संस्थानों की पहचान करनी होगी जहां ऐसी चीजें होती हैं.” हाल की खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक देश में करीब 150 युवक आईएसआईएस के प्रति अपने झुकाव के कारण सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी के दायरे में हैं. यह संगठन हाल में पेरिस में हुए आतंकवादी हमले के लिए जिम्मेदार रहा है.
मुख्यत: दक्षिण भारत के रहने वाले 150 लोग आईएसआईएस के प्रति आकर्षित हैं और समूह की गतिविधियों के प्रति झुकाव रखते हैं. अभी तक 23 भारतीय आईएसआईएस में शामिल हुए हैं जिनमें से छह की कथित तौर पर मौत हो चुकी है. विदेशी एजेंसियों द्वारा तैयार और भारतीय एजेंसियों के साथ साझा की गई एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक पिछले दो वर्षों में 18 देशों के 58 लोग आईएसआईएस छोड़ चुके हैं.
इनमें से दो भारतीय हैं जिनकी पहचान ठाणे के अरीब माजिद और 17 वर्षीय एक लड़की के रुप में हुई. लड़की को आईएसआईएस के नियंत्रण वाले इराक सीरिया क्षेत्र में जाते समय कतर से निर्वासित किया गया. माजिद को यहां पहुंचने पर गिरफ्तार कर लिया गया और फिलहाल वह न्यायिक हिरासत में है.