संसद का शीतकालीन सत्र शुरू, PM मोदी ने जताई उम्मीद, सदन में चर्चा होगी व अहम बिल पास हो सकेंगे
नयी दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हुआ. दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी.वहीं, संसद पहुंचेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सदन में चर्चा होगी और महत्वपूर्ण बिल पास हो सकेंगे. इससे पहले संसद का शीतकालीन […]
नयी दिल्ली : संसद का शीतकालीन सत्र गुरुवार से शुरू हुआ. दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी.वहीं, संसद पहुंचेप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि सदन में चर्चा होगी और महत्वपूर्ण बिल पास हो सकेंगे. इससे पहले संसद का शीतकालीन सत्र शुरु होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश को संसद से कई अपेक्षाएं हैं. हम उम्मीदों पर खरा उतरने की कोशिश कर रहे हैं. संसद से बड़ा संवाद को कोई केंद्र नहीं है. उन्होंने कहा कि बहस, चर्चा व संवाद संसद की आत्मा है.
प्रधानमंत्री ने आज संसद में कहा, 26 नवंबर के दिन भारतीय संविधान को मंजूरी मिली थी. देशभर में संविधान के प्रति जागरूकता बढ़े. यह सौभाग्य है कि अंबेडकर जी की जयंती का ये वर्ष है. मुझे विश्वास है कि सत्र के दौरान उत्तम चर्चा से सदन भी उतना ही चमकेगा. इससेपूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वार्ता के लिए संसद सबसे उपयुक्त जगह है. मुझे उम्मीद है कि सभी सांसद लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे. प्रधानमंत्री ने उम्मीद व्यक्त की कि संसद का शीतकालीन सत्र सर्वश्रेष्ठ विचारों, सर्वश्रेष्ठ चर्चाओं और सर्वश्रेष्ठ नवोन्मेषी सुझावों से चमकेगा. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक दलों से सत्र को सुचारू रूप से चलाने की अपील की और कहा कि सरकार सभी दलों को साथ लेकर आपसी विचार विमर्श से ही संसद की कार्यवाही को चलाना चाहती है.
जीएसटी राष्ट्र के हित में
पीएम ने कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करना राष्ट्र के हित में है. प्रधानमंत्री ने कहा, सभी दलों के लिए यह जरूरी है कि वे संसद के सुचारू संचालन के लिए मिलकर काम करें और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करें.वहीं बैठक के बाद संसदीय मामलों के मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि मोदी ने वित्तमंत्री अरुण जेटली से जीएसटी पर सहमति बनाने के लिए सभी दलों से बात करने के लिए कहा है. वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार किसी भी मुद्दे पर संसद में बहस को तैयार है, लेकिन संसद सही ढंग से चले ये उनकी पहली प्राथमिकता होगी.इससेपहले पिछली बार का संसद का सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था. जिसके कारण कई अहम बिल अटक गये थे. विपक्ष ने ललित गेट, व्यापमं घोटाला और नेताओं के आपत्तिजनक बयानों के चलते सरकार पर हमला बोला था.
सदन की गरिमा बनाये रखें : लोकसभा अध्यक्ष
संसद के पिछले मानसून सत्र में अधिकतर समय बनी रही अवरोध की स्थिति को ध्यान में रखते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि सदस्य सदन में ज्यादा से ज्यादा गरिमा बनाए रखें. शीतकालीन सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक के बाद सुमित्रा ने कहा, अधिक से अधिक शिष्टता होनी चाहिए और अधिक से अधिक चर्चा होनी चाहिए.
सरकार ने बदली रणनीति
सरकार पहले असहिष्णुता पर बहस को तैयार नहीं थी, लेकिन शीर्ष स्तर पर यह फैसला लिया गया है कि इस पर
संसद में चर्चा हो और सरकार की ओर से इसका सटीक और ठोस उत्तर संसद में ही दिया जाये. जीएसटी विधेयक को पारित करवाने के लिए सरकार कांग्रेस के सुझाव पर शेष पेज 21 पर विचार कर इसे पारित करायेगी.
असहिष्णुता के मुद्दे पर घेरने के लिए तैयार विपक्ष
शीतकालीन सत्र में विपक्ष एकजुट होकर सरकार को असहिष्णुता के मुद्दे पर घेरने के लिए तैयार है, लेकिन महत्वपूर्ण जीएसटी विधेयक पर नरमी के आसार दिखते हैं. दोनों पक्षों ने इस पर चर्चा के लिए सहमति जतायी है. विपक्ष देश में कथित तौर पर बढ़ती असहिष्णुता की निंदा के लिए प्रस्ताव पारित करने की मांग कर सकता है, जिसे सरकार द्वारा मानने की संभावना नहीं है. सरकार इस मुद्दे पर चर्चा की पेशकश कर सकती है. शीतकालीन सत्र में कुछ वित्त विधेयकों सहित कुल 38 विधेयकों को संसदीय मंजूरी का इंतजार है.
संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सरकार बढ़ती असहनशीलता की धारणा से सहमत नहीं है. हम इस संबंध में उचित तरीके से चर्चा के लिए विपक्ष के साथ चलने को तैयार हैं, ‘अगर वे ऐसा चाहें. उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह की घटनाओं का समर्थ नया उनकी अनदेखी नहीं करती. वह दादरी और एम एम कलबुर्गी की हत्या जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं पर वि पक्ष की चिंताओं से वाकिफ है. हालांकि जीएसटी विधेयक के मुद्दे पर दोनों पक्षों ने कुछ विवादास्पद प्रावधानों पर अध्ययन के लिए चर्चा की जरूरत के बारे में बात की.
बोले राहुल, कांग्रेस जीएसटी के पक्ष में, विपक्ष से हो बात
बेंगलुरु: जीएसटी पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस विधेयक में मजबूती से भरोसा करती है लेकिन सरकार को विपक्ष से बात करनी चाहिए और पार्टी की ओर से उठाये गये तीन अहम मुद्दों पर गौर करना चाहिए. राहुल ने कहा, हम संसद ठप करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं. हम ऐसा जीएसटी चाहते हैं जो देश के अनुरूप हो और देश को लाभ पहुंचाये तथा हम बिना कि सी समस्या के बातचीत के लिए तैयार हैं.
बोले शरद, जदयू जीएसटी विधेयक का समर्थन करेगा
बैठक में भाजपा को उस समय बड़ी राहत मिली जब जदयू ने जीएसटी का समर्थन किया. पार्टी अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि उनकी पार्टी इसका समर्थन करेगी. माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि केंद्र को इस मुद्दे पर राज्यों के साथ चर्चा करनी चाहिए, क्योंकि राज्य जीएसटी लागू हो जाने से कर के मामलों में सभी विधायी शक्तियां खो बैठेंगे.
ये हैं महत्वपूर्ण बिल
1. नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट अमेंडमेंट बिल : यह चेक बाउंस के मामलों से जुड़ा है.
2. द कॉमर्शियल डिवीजन एंड कॉमर्शि यल अपीलेट डिवीजन ऑफ हाइकोर्ट्स एंड कॉमर्शि यल बिल : इसके जरिये हाइकोर्टों की कॉमर्शियल डिवीजन बनायी जा सकेगी.
3. आर्बिट्रेशन एंड कंशीलि एशन (अमेंडमेंट) बिल : विवादित मामलों को मध्यस्थता के जरिए सुलझाने का बंदोबस्त है.
ये बिल हैं पेंडिग
1. व्हिसलब्लोअर्स प्रोटेक्शन (अमेंडमेंट) बिल बेनामी ट्रांजेक्शन (प्रोहिबिशन-अमेंडमेंट) बिल
2. बेनामी ट्रांजेक्शन (प्रोहिबिशन-अमेंडमेंट) बिल
3. रिपीलिंग एंड अमेंडिंग (थर्ड) बिल
4. कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल
5.हाइकोर्ट एंड सुप्रीम कोर्ट जजेज (सैलरीज एंड कंडीशंस ऑफ सर्विस -अमेंडमेंट) बिल
6. माइक्रो -स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज डेवलपमेंट बिल
सत्र के एक दिन पहले चला बैठकों का दौर
11:00 – सर्वदलीय बैठक संसदीय कार्य मंत्री वेंकैया नायडू के घर पर हुई. इसकी अध्यक्षता नायडू ने की
12:00 – भाजपा और विपक्षी सांसदों की पार्लियामेंट हाउस में हुई बैठक
05:55 – एनडीए के सहयोगी दलों की बैठक. बैठक की अध्यक्षता पीएम मोदी ने की लोकसभा स्पीकर
06:50 – सुमित्रा महाजन ने सर्वदलीय बैठक बुलायी